कम पड़ रहे आइसोलेशन वार्ड, 130 मरीजों के लिए बनेगी नई व्यवस्था 

Isolation wards falling, new arrangement will be made for 130 patients
कम पड़ रहे आइसोलेशन वार्ड, 130 मरीजों के लिए बनेगी नई व्यवस्था 
कम पड़ रहे आइसोलेशन वार्ड, 130 मरीजों के लिए बनेगी नई व्यवस्था 

- नवीन जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र को आइसोलेशन वार्ड के रूप में विकसित करने के निर्देश
डिजिटल डेस्क सीधी।
सैकड़ा पार पहुंच चुके कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कराने के लिए आइसोलेशन वार्ड कम पड़ सकते हैं। इसीलिए प्रशासन ने अतिरिक्त वार्ड की व्यवस्था करनी शुरू कर दी है। कलेक्टर ने नवीन जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र को आइसोलेशन वार्ड के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये हैं। 
जिले में कोरोना के बढ़ते हुए केसों को दृष्टिगत रखते हुए, संभावित मरीजों के उपचार के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार की देर शाम कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी द्वारा निर्माणाधीन नवीन जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र का अवलोकन किया गया। कलेक्टर श्री चौधरी ने निर्माण कार्य की गति को बढ़ाते हुए उसे कोविड-19 के मरीजों के उपचार हेतु आइसोलेशन वार्ड के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने उसमें 130 मरीजों के उपचार के लिए सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। उसी भवन के दूसरे हिस्से में चिकित्सीय स्टाफ के ठहरने की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने संक्रमित व्यक्तियों एवं चिकित्सीय स्टाफ के आवागमन के लिए पृथक-पृथक रास्तों तथा शौचालयों एवं  पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्री चौधरी ने उक्त निर्माण कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. एल. मिश्रा, स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालन यंत्री एम. एस. खरे सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। 
कोरोना जांच की दूसरी मशीन आई पर चिप की कमी
जिला चिकित्सालय में कोरोना जांच की दूसरी मशीन उपलब्ध तो करा दी गई है पर जांच के लिए प्रयोग की जाने वाली चिप कम संख्या में दी गई है। बताया जाता है कि ट्रूनाट मशीन के साथ तीन सैकड़ा भर चिप भेजी गईं हैं। इस हिसाब से अगर उपयोग हो तो पांच दिन तक ही दूसरी मशीन से जांच संभव है। कम संख्या में मिले चिप के कारण दूसरी मशीन से केवल उन गंभीर मरीजों की जांच की जा रही है जिनकी एक दिन में ही रिपोर्ट आनी आवश्यक मानी जा रही है। कलेक्टर ने बताया कि चिप की संख्या बढ़ाने के लिए मांग की गई है जैसे ही पर्याप्त मात्रा में चिप उपलब्ध हो जाएगी वैसे ही दूसरी मशीन भी जांच करने लगेगी। बता दें कि अभी कोरोना जांच की एक मशीन होने के कारण ज्यादा सेम्पल होने पर रीवा भेजा जा रहा है। जहां से तीन-चार दिन बाद ही जांच रिपोर्ट मिल रही है। दूसरी मशीन के चालू हो जाने के बाद रीवा सेम्पल भेजने की जरूरत कम पड़ेगी।

Created On :   7 Aug 2020 6:25 PM IST

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