आइसोलेशन सजा नहीं बल्कि उसे फैलने से रोकने का तरीका

Isolation not punishment, it is treatment method for corona
आइसोलेशन सजा नहीं बल्कि उसे फैलने से रोकने का तरीका
आइसोलेशन सजा नहीं बल्कि उसे फैलने से रोकने का तरीका

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेडिकल में उपचार के बाद डिस्चार्ड होकर घर पहुंच चुके आईटी प्रोफेशनल का कहना है कि आइसोलेशन सजा नहीं बल्कि काेरोना की उपचार पद्यति और इसे फैलने से रोकने का तरीका है। उन्होंने बताया कि उपचार के दौरान उन्हें कोरोना की कोई विशेष दवा नहीं बल्कि इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए मल्टी विटामिन की गोली दिए गए थे। उन्होंने बताया कि स्वयं को पॉजेटिव रखना कोरोना से उबरने में सबसे ज्यादा काम आया। इसके लिए आइसोलेशन के दौरान उन्होंने कोरोना को लेकर चल रहीं निगेटिव सूचनाएं व वीडियो से स्वयं को दूर रखा। पॉजेटिव रहकर अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में काफी मदद मिली।

घर में भी करना कोरांटाइन का पालन

घर आने के बाद भी उन्हें 14 दिन सख्ती से होम कोरांटाइन का पालन करने को कहा गया। इस दौरान उन्हें मास्क का उपयोग करने को कहा गया है। इसके साथ ही परिवार से स्वयं को अलग थलग रखते हुए उनके कपड़े व उपयोग किए अन्य वस्तुओं को अन्य लोगों से दूर रखने को कहा गया है। इसके साथ ही 14 दिन में सेहत संबंधी परेशानी जैसे सांस लेने में परेशानी, सर्दी या खांसी होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए सरकार की ओर से जारी किए गए निर्देशों का पूरी तरह से पालन करना जरूरी है।

कोरोना का मतलब मृत्यु नहीं

उन्होंने बताया कि उन्हें जानकारी थी कि कोरोना से कारण मृत्यु दर 2 से 5 फीसदी है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। इसका सीधा मतलब है कि कोरोना के कारण मौत की आशंका काफी कम है। यह जानकारी मुझे पैनिक होने से बचाने के लिए काफी थी।

 

पूरे दिन के लिए बनाया दिनचर्या

उन्होंने बताया कि नकारात्मक विचार से बचने के लिए सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक के लिए दिनचर्या तय किया और  पूरी तरह उसका पालन किया। इससे बोर होने और बेकार के विचारों से बच गया। बेहतर खानपान से भी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में मदद मिली।

कंपनी के काम से गया था अमेरिका

उन्होंने बताया कि अपने कंपनी के काम से वे छह सहयोगी के साथ अमेरिका गए थे। वहां से लौटने के बाद दो सहयोगी कोरोना पॉजिटिव पाया गया। उसके बाद एक सहयोगी की पत्नी भी पॉजिटिव मिली। तीन लोगों के पॉजिटिव आने पर मैंने मेडिकल में टेस्ट करवाया। हालांकि उस समय मुझमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे। अपनी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मैं घबरा गया था। मैंने उन सभी लोगों को जांच कराने को कहा जिनसे मैं संपर्क में आया था।

 

Created On :   31 March 2020 4:27 PM IST

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