सामान्य निर्वाचन कार्यालय में बरती गई थी अनियमितता, आपत्ति के बाद शुरु एक्शन

Irregularity was done in General Election Office, action started after objection
सामान्य निर्वाचन कार्यालय में बरती गई थी अनियमितता, आपत्ति के बाद शुरु एक्शन
पहले आउटसोर्स एजेंसी का कर दिया था चयन सामान्य निर्वाचन कार्यालय में बरती गई थी अनियमितता, आपत्ति के बाद शुरु एक्शन

डिजिटल डेस्क,कटनी। सामान्य निर्वाचन कार्यालय में आऊटसोर्स से सहायक प्रोग्रामर, डाटा एंट्री ऑपरेटर और भृत्य के पदों के लिए निकाली गई निविदा में चहेती एजेंसी को काम देने के लिए नियमों को ताक पर रख दिया गया। जिस समय पूरा का पूरा अमला त्रि-स्तरीय और नगरीय निकाय चुनाव में व्यस्त रहा। उसी समय जिम्मेदार आनन-फानन में निविदा में भ्रम की स्थिति पैदा करते हुए कई एजेंसियों को बाहर का रास्ता दिखा दिए। उपजिला निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी के द्वारा इसे अंतिम रुप दिया जाना था कि इसके पहले ही अनियमितता की लिखित शिकायत निर्वाचन अधिकारी के पास पहुंची। दोबारा जब निविदा की जांच कराई तो कई तरह की कमियां उजागर हुई। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि कम्प्यूटर में त्रुटि के कारण इस तरह की स्थिति निर्मित हुई थी। निविदा समिति जांच पूरी कर ली है। निविदा को निरस्त करते हुए नए सिरे से कार्यवाही की जाएगी।

इन बिंदुओं पर हुई थी शिकायत

मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम के अनुसार किसी भी निविदा जिसकी अनुमानित मूल्य 5 लाख रुपए से अधिक है। उसको आमंत्रित करने में निविदा पूर्व सम्मेलन का कोई प्रावधान नहीं रखा गया। वित्तीय वर्ष 2021-22 के टर्नओवर में जो शर्त रखी गई थी, जबकि वित्त विभाग द्वारा टैक्स रिटर्न की छूट 31 जुलाई 2022 तक दी गई थी। जिसके चलते कई फर्म बाहर हो गए। निविदा के कार्य की अनुमानित मूल्य घोषित नहीं किया गया। निविदा में टर्नओवर कुल कार्य की चालीस प्रतिशत नियत होती है। इसी तरह से कई अन्य बिंदुओं पर भी आपत्ति जताई गई थी।

सर्विस चार्ज में मिलता है काम

जिला निर्वाचन कार्यालय को समय-समय पर कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। ऐसे में सामान्य निर्वाचन कार्यालय यह कार्य किसी आऊटसोर्स के माध्यम से कराती है। इसमें आउटसोर्स सर्विस चार्ज लेकर आवश्यकतानुसार कार्यालय को कर्मचारी उपलब्ध कराता है। काम करने वाले कर्मचारियों को कलेक्टर दर पर ही पारिश्रमिक भुगतान किया जाता है। निविदा में 2 प्रतिशत टीडीएस कटौती का उल्लेख किया गया था। इस स्थिति में शिकायत पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि यदि किसी कर्मचारी से 2 प्रतिशत टीडीएस की कटौती की जाती है तो उक्त कर्मचारी को शासन के द्वारा निर्धारित मजदूरी से भी कम रुपए मिलेंगे। यह श्रम विभाग के नियमों का उल्लंघन होगा।

एक्शन में आए अफसर

बताया जाता है कि ऑनलाइन निविदा में 18 वेण्डरों ने सहभागिता निभाई थी। जिसमें 11 वेण्डर पात्र पाए गए थे। तकनीकी के बाद फाइनेंशियल बिड भी खोला गया था। इसमें किसी जबलपुर की कंपनी को काम दिया जा रहा था, लेकिन इसी बीच शिकायत के बाद अफसरों के कान खड़े हुए। विवादों से बचने के लिए एक्सपर्ट टीम को फिर से जांच का जिम्मा दिया। एक्सपर्ट टीम ने पाया कि कई जगहों पर नियमों का पालन नहीं हुआ है। जिसके बाद बीच में ही निविदा निरस्त करने की कार्यवाही की जा रही है।

इनका कहना है

निविदा में किसी तरह से अनियमितता नहीं बरती गई थी, बल्कि कम्प्यूटर में त्रुटि के चलते इस तरह की स्थिति निर्मित हुई। निविदा को निरस्त करते हुए नए सिरे से कार्यवाही की जाएगी। निर्वाचन कार्य  के प्रत्येक बिंदुओं पर शासन हमेशा गंभीरता बरतता है।
-साधना परस्ते, उप जिला निर्वाचन अधिकारी
 

Created On :   30 Aug 2022 1:44 PM IST

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