अनियमितता : करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी नहीं बन पाया डेम

Irregularity: Even after spending millions of rupees, dam could not be made
अनियमितता : करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी नहीं बन पाया डेम
अनियमितता : करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी नहीं बन पाया डेम

भास्कर न्यूज  डिण्डौरी। समनापुर विकासखण्ड में करोंड़ों रूपए खर्च कर जलाशय का निर्माण कराया गया जहां बीते 12 वर्ष में एक बूंद पानी जलाशय में नहीं नजर आ रहा है। बताया जाता है कि इस जलाशय के निर्माण पर विभागीय रोक भी लगा दी गई थी और कार्य को बीच में रोक दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी पुन: यहां पर नहर निर्माण के नाम पर स्वीकृति मिली और पानी की तरह पैसा बहा दिया गया। इस मामले में न तो विभागीय जांच बैठी और न ही इस मामले को अधिकारियों ने अब तक संज्ञान में लिया है। मामला है समनापुर विकासखण्ड से तीन किलोमीटर दूर बरगा डेम का जहां पर लगभग 200 हेक्टेयर में सिचाई की परियोजना तैयार की गई थी और इस योजना के तहत समनापुर व आसपास के अनेक किसानों को खेती के लिए पानी दिया जाना था, लेकिन कागजों में हुए अधूरे निर्माण और उसके बाद लगी रोक ने पूरे मामले को दबाकर रख दिया। ग्रामीणों का कहना है कि लगभग 5 करोड़ रूपए से अधिक की राशि निर्माण कार्य के नाम पर अनियमितताओं की भेट चढ़ गई और जो काम यहां पर हुआ है वह भी अधूरा पड़ा हुआ है। जिसकी उच्च स्तरीय जांच होने पर शासन की राशि के हुए दुरूपयोग की स्थितियां सामने आ सकती है।
औचित्यहीन था डेम निर्माण  
ग्रामीणों का कहना है कि सन 2000 के आसपास जब बरगा डेम निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ था तब इसे लेकर लोगों ने आपत्ति भी दर्ज कराई थी और विभागीय अधिकारियों का पत्र लिखकर डेम निर्माण कार्य न किए जाने की मांग की थी, लेकिन शासकीय योजना के तहत निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया और यहां बसे किसानों की जमीन को भी हस्तांतरित कराने के विभागीय प्रयास हुए, लेकिन इस सबके बावजूद भी यहां डेम निर्माण कार्य नहीं हो सका। ग्रामीणों का कहना है कि डेम निर्माण कार्य के लिए विभाग द्वारा गलत जमीन का चयन किया गया था। अगर जमीन आगे चयन की जाती तो वर्तमान में कृषक शासन की इस येाजना से लाभांवित हो रहे होते।
क्यों बना दी गई केनाल
ग्रामीणों का कहना है कि जब डेम का निर्माण कार्य बीच में ही निरस्त कर दिया गया था तो यहां केनाल निर्माण कार्य का औचित्य क्या था जहां करोड़ों की फाग पहले ही जलाई जा चुकी थी वहीं पुन:नहर निर्माण कार्य कर शासकीय पैसों का दुरूपयोग व बर्बादी क्यों की गई। बीते 12 वर्षो में न तो डेम में एक बूंद पानी भरा है और न ही कभी इसका उपयोग होगा। वर्तमान परिस्थितियों में यहां की जमीन पर किसान खेती कर अनाज उगा रहे है। वहीं एक हिस्सा ऊबड़-खाबड़ और बंजर पड़ा हुआ है। औचित्यहीन इस डेम निर्माण कार्य को लेकर विभागीय स्तर पर की गई अनियमितताओं का भी खुलासा किया जाना जरूरी है। जिससे शासन को जो नुकसान पहुंचा है वह आने वाले समय में और अन्य निर्माण कार्यो के दौरान न हो सके। बताया जाता है कि बरगा डेम के मामले में ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर, सीएम हेल्पलाइन को भी शिकायतें की जा चुकी है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
इनका कहना है
जानकारी में आया है कि समनापुर विकासखण्ड में बरगा डेम का निर्माण कार्य बीच में ही किन्ही कारणों से निरस्त कर दिया गया था और वहां पर वर्तमान में कोई योजना क्रियांवित नहीं है। शासन को नुकसान हुआ है इसकी जानकारी फिलहाल नहीं दी जा सकती।
ए.के. डेहरिया, ईई जल संसाधन विभाग

 

Created On :   14 Oct 2017 1:29 PM IST

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