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विडंबना-आदिवासी महिला को प्रसव पीड़ा होने पर खटिया पर लिटाकर पहुंचाया अस्पताल
-बैहर क्षेत्र के नकटाटोला में रहते है 16 घरों के बैगा आदिवासी, सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नही
डिजिटल डेस्क बालाघाट। जिले के बैहर क्षेत्र अंतर्गत आने वाले दूर-दराज के बैगा आदिवासी गांव के ग्रामीणजनो को बारिश के मौजूदा इस दौर में नारकीय जीवन गुजारने मजबूर होना पड़ रहा है। उकवा से करीब 3 किमी दूर ग्राम पंचायत दलदला के अंतर्गत आने वाले टोले हुड्डीटोला एवं नकटाटोला के हालात ये है कि यहां के पगडंडी रास्ते पैदल चलना भी आसान नही है। गत दिनो गांव की एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर महिला को खटिया में लिटाकर अस्पताल तक पहुंचाने का मामला सोशल मीडिया में वायरल हुआ। ग्रामीणों के अनुसार दलदल मार्ग पर एम्बुलेंस नही पहुंचने के कारण इस प्रकार के हालात बने। भास्कर ने गांव पहुंचकर यहां रह रहे ग्रामीणों से चर्चा की गई तो कई प्रकार की खामियां देखने को मिली।
न बिजली और न ही सड़क
यहां पर सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी जैसे कुछ चुनिंदा सुविधाओं के लिए भी ग्रामीणजनो को परेशान होना पड़ रहा है। बैगा विकास प्राधिकरण के अंतर्गत शासन से राशि स्वीकृत कराई जाती है ,लेकिन बैगा आदिवासी बाहुल्य गांवो में विकास सिर्फ कागजो में ही सिमटकर रह जाता है।
महिला को हुई प्रसव पीड़ा तो नही पहुंच सका वाहन
बैहर जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले दलदला पंचायत के अधीन ही हुडडीटोला एवं नकटाटोला बसा हुआ है। यहां पर 16 परिवारो के करीब एक सैकड़ा लोग निवास करते है। 25 जुलाई रविवार को नकटाटोला निवासी नरबदसिंह मरकाम की बहू को प्रसव पीड़ा हुई तो अस्पताल तक पहुंचाने के लिए गांव तक वाहन नही पहुंच सका। ग्रामीण नरबदसिंह ने बताया कि बहू रजनी गर्भवती थी अचानक उन्हें रविवार की सुबह प्रसव पीड़ा हुई जिससे वह परेशान होने लगी, इसी दौरान परिजनों ने आनन-फानन में जननी एक्सप्रेस 108 को दूरभाष के माध्यम से बुलाया परंतु वाहन ग्राम तक नहीं पहुंच पाया।
खटिया पर लिटाकर सड़क तक लाया
इधर परिजनो एवं गांव के युवको द्वारा महिला को खटिया पर लिटाकर डेढ़ किमी पगडंडी रास्ते से हुड्डीटोला तक लाया और एक प्राइवेट वाहन के जरिए उकवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में महिला को भर्ती कराया गया ,जहां महिला का सुरक्षित प्रसव कराया गया। गांव से मुख्य मार्ग तक पहुंचने का सिर्फ यहीं एक मात्र रास्ता है।
क्या कहते है ग्रामीणजन
गांव से डेढ़ किमी रास्ता पूरी तरह से खराब है। बारिश के मौजूदा इस दौर में रास्ता पूरी तरह से दलदल के रूप में तब्दील हो चुका है। स्वास्थ्य खराब होने पर गांव मेें एम्बुलेंस वाहन नही पहुंच पाता है।
सुखराम टेकाम ग्रामीण
मेरी बहू रजनी पति सुनील मरकाम को प्रसव पीड़ा होने पर गांव में वाहन नही पहुंचने पर खटिया में लिटाकर ही मुख्य सड़क तक लाया गया। मार्ग पैदल चलने लायक भी नही है।
नरबद मरकाम ग्रामीण
प्रसव पीड़ा होने पर डिलीवरी के लिए प्रसव केन्द्र ले जाने हेतु एम्बुलेंस बुलाने पर 108 वाहन नहीं पहुंचा तो ग्रामीणों ने मुझे खाट पर लिटाकर हुड्डीटोला तक पहुंचा उसके बाद प्राइवेट वाहन से उकवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया।
श्रीमती रजनी पति सुनील मरकाम प्रसूता महिला
Created On :   27 July 2021 9:31 PM IST