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ईट भट्टी संचालकों से 40 प्रतिशत रकम वसूलने के निर्देश
डिजिटल डेस्क, अकोला। ईट भट्टी संचालकों से राजस्व वसूली करने के दौरान अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव आता है। जिससे राजस्व वसूली में अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बात को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी नीमा अरोरा ने स्वयं की उपस्थिति में कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। ईट भट्टी का पंचानामा सम्बन्धित अधिकारियों को करने के निर्देश देते हुए 16 फरवरी को कार्रवाई की जाने का निर्णय लिया। तय समयावधि के दौरान जिलाधीश अपने सहयोगियों के साथ अकोट तहसील में ईट निर्माण करने वाले भटि्टयों पर जा पहुंची। जांच के दौरान जिलाधीश ने अधिकारियों को पंचनामे के अनुसार राजस्व की रकम में से 60 प्रतिशत छूट देते हुए 40 प्रतिशत राशि 10 मार्च तक वसूलने के आदेश दिए। जिलाधीश के इस रूद्र अवतार को देखकर अधिकारियों समेत ईट भट्टी संचालकों में हड़कम्प मच गया।
ईट भट्टी संचालक ने लगाया गलत पंचनामे का आरोप
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नखेगांव के एक ईट भट्टी संचालक ने जिलाधीश को बताया कि ईट को तैयार करने के लिए 40 प्रतिशत मिट्टी, 60 प्रतिशत अन्य सामग्री जिसमें राख, लकड़ी का भूसा, गन्ने का भूसा, चावल के भुसे का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन पटवारी ने पंचनामे के दौरान केवल मिट्टी का उल्लेख किया है ऐसा आरोप लगाया। जिलाधीश के ध्यान में यह तो ही उन्होंने ईट पर 40 प्रतिशत तथा ईट भटि्टयों पर संग्रहित मिट्टी पर 100 प्रतिशत राजस्व वसूल करने के आदेश दिए। वहीं कारोना संक्रमण को देखते हुए जिलाधीश ने उक्त रकम 10 मार्च तक भुगतान करने के आदेश दिए अन्यथा ईट भटि्टयों को सील करने की चेतावनी दी।
8 से 10 वर्षो से नहीं किया राजस्व का भुगतान
जांच के दौरान ज्ञात हुआ कि तहसील के कुछ ईट निर्माण करने वाले संचालकों ने विगत 8 से 10 वर्षों से राजस्व का भुगतान नहीं किया। राजस्व की वसूली करने जाने पर अधिकारियों को प्रभावशाली लोगों द्वारा उन्हें वहां से बैरंग लौट जाने के निर्देश दिए जाते थे। जिससे राजस्व वसूली करने में अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता था।
अकोला-अकोट मार्ग पर अगले वर्ष कार्रवाई
अकोट अकोला मार्ग पर चोह्ट्टा से गांधीग्राम के बीच ईट भटि्टयों का निर्माण किया गया है। इन भटि्टयों से सटकर कुछ भट़्टी संचालकों ने पक्के निर्माण कार्य कर विश्रामगृह बना लिया है। यह निर्माण कार्य महामार्ग नियमों के खिलाफ होने तथा यातायात में निर्माण बाधा पहुंचानी वाली होने के कारण जिलाधीश ने नाराजगी जताई। लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए मानवता दिखाते हुए जिलाधीश ने इन भटि्टयों के संचालक को इस वर्ष रियायत देते हुए अगले वर्ष कार्रवाई करने के आदेश देते हुए सूचना पत्र जारी करने के निर्देश तहसीलदार निलेश मडके को दिया। इस कार्रवाई के दौरान जिलाधीश, तहसीलदार के अलावा तहसील कृषि अधिकारी शिंदे, विशाल शेरेकर, अनिल ओईबे तथा चोहट्टा मंडल के सभी पटवारी उपस्थित थे।
Created On :   18 Feb 2022 6:18 PM IST