कारगिल यु्द्ध का 'बहादुर' मिग-27 रिटायर, इंडियन आर्मी ने दी विदाई
डिजिटल डेस्क, जोधपुर। कारगिल युद्ध में हीरो की भूमिका मिभाने वाला लड़ाकू विमान मिग-27 इंडियन आर्मी के लिए इतिहास बन गया है। राजस्थान के जोधपुर जिले के एयरबेस में शुक्रवार को 3 दशक से ज्यादा तक इंडियन आर्मी की सेवा को सेवा देने वाले मिग-27 के 7 लड़ाकू विमानों ने अपनी अंतिम उड़ान भरी और इंडियन आर्मी द्वारा विदाई भी दी गई। मिग-27 को जल-सलामी भी दी गई। बता दें कि मिग-21 ने मिग-27 की जगह ले ली है।
#WATCH Indian Air Force"s MiG-27 which retires today receives water salute at Air Force Station Jodhpur pic.twitter.com/qo1uX4o969
— ANI (@ANI) December 27, 2019
विमान की इस डी-इंडक्शन सेरेमनी में दक्षिण पश्चिमी एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल एस के घोटिया मौजूद रहे। 1999 में पाकिस्तान से हुई कारगिल की लड़ाई में भारतीय पायलटों ने मिग-27 का नाम "बहादुर" रखा था। इस दौरान जांबाज मिग-27 ने पाकिस्तानी सेना को लड़ाई में धूल चटा दी थी, इसलिए इसका नाम इंडियन आर्मी के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा गया है।
इंडियन आर्मी में 1980 में हुआ था शामिल
मिग-27, इंडियन आर्मी के फाइटर जेट प्लेन के बेड़े में 1980 में शामिल हुआ था, जिसे सोवियत यूनियन से लिया गया था। इसके बाद भारत ने रूस से भी मिग-27 के अपग्रेडेड वर्जन खरीदे। 1999 कारगिल युद्ध के दौरान चलाए गए "ऑपरेशन व्हाइट सी" में इसका असली शक्ति प्रदर्शन देखने को मिला था। इसके अलावा मिग-27 ने भारत के कई मिशनों में अपना अहम योगदान दिया।
2001 के बाद से टूटने लगा दम
साल 2001 के बाद से मिग-27 के फाइटर जेट्स के क्रैश होने के हादसे बढ़ने लगे। इस दौरान इंडियन आर्मी लगभग एक दर्जन मिग-27 के फाइटर जेट्स क्रैश की घटनाओं में गंवा चुकी थी। फिर सभी 150 मिग एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल कम किया गया, लेकिन तब भी मिग-2 विमानों की दुर्घटनाएं नहीं थमी। 29 दिसंबर 2017 को मिग-27 ML रिटायर कर दिया गया।
Created On :   27 Dec 2019 6:26 AM GMT