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कोयले की आपूर्ति में हो रही बढ़ोतरी, बिजली उत्पादन बढ़ा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोयले के संकट के बीच प्रदेश में बिजली उत्पादन में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। महाराष्ट्र स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिडेट (महाजेनको) के पास अभी दो दिन का कोयला बचा हुआ है। सोमवार को महाजेनको ने सुबह के समय एक दिन का ही कोयला बचे होने की जानकारी दी थी लेकिन देर रात को दावा किया कि कोयले की आपूर्ति में सुधार के बाद अब दो दिन का कोयला उपलब्ध है। 10 अक्टूबर को कोयले का भंडारण बढ़कर 1.91 लाख मीट्रिक टन हो गया है। इससे महाजेनको के विभिन्न थर्मल पावर प्लांट्स में 5200 मेगावाट तक बिजली उत्पादन बढ़ गया है। महाजेनको राज्य में बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए औसतन 6000 से 6500 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रहा है। फिलहाल महाजेनको की बिजली उत्पादन की 4 यूनिट बंद है। प्रदेश के ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश वाघमारे ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि कोयले की आपूर्ति बढ़ रही है। इससे हमें उम्मीद है कि अगले चार से पांच दिनों में हालात सामान्य हो जाएंगे। जबकि महाजेनको के एक अधिकारी ने बताया कि 12 अक्टूबर से महाजेनको की 500 मेगावाट की एक यूनिट शुरू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि राज्य में फिलहाल महाजेनको की 4 यूनिट बंद है। इसमें चंद्रपुर की 500 मेगावाट की एक यूनिट, भुसावल की 500 मेगावाट की एक यूनिट और 120 मेगावाट की एक यूनिट बंद है। पारस की 250 मेगावाट की एक यूनिट का समावेश है। उन्होंने बताया कि सितंबर महीने में औसतन बिजली उत्पादन 4500 मेगावाट हुआ था। अधिकारी ने कहा कि बारिश बंद होने से कंपनियों से कोरोना की आपूर्ति और बढ़ने की उम्मीद है। इससे कोयले की कंपनी के कारण बंद की गई यूनिट को चरण बद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। अगले सप्ताह में कोयले की आपूर्ति पहले की तरह होने से बिजली उत्पादन सामान्य हो जाएगा। अधिकारी ने बताया कि राज्य में महाजेनको के विद्युत केंद्रों का कुल बिजली उत्पादन क्षमता 12,972 मेगावाट है। जिसमें से थर्मल पावर प्लांट्स में लगभग 8000 मेगावाट बिजली उत्पादन होता है। इसके अलावा जल और वायु विद्युत निर्माण 2100 मेगावाट होती है।
ऊर्जा मंत्रालय ने बिजली वितरण कंपनियों के लिए त्रैमासिक आधार पर विद्युत लेखा तैयार करना अनिवार्य किया
उधर नई दिल्ली ने ऊर्जा मंत्रालय ने बिजली वितरण कंपनियों के लिए त्रैमासिक आधार पर विद्युत लेखा तैयार करना अनिवार्य किया है। मंत्रालय ने सोमवार को नियमित अवधि के बाद विद्युत लेखा तैयार कराए जाने संबंधि एक अधिसूचना जारी की है। ऊर्जा कुशलता ब्यूरो ने विद्युत मंत्रालय की अनुमति से इस बारे में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम,2001 के प्रावधानों के अंतर्गत विनिमय जारी किया है। अधिसूचना के अनुसार 60 दिन के भीतर प्रमाणित ऊर्जा प्रबंधक के जरिए बिजली वितरण कंपनियों को त्रैमासिक आधार पर ऊर्जा का लेखा तैयार करना होगा। इसके अलावा स्वतंत्र अधिकृत ऊर्जा अंकेषक (ऑडिटर) द्वारा वार्षिक ऊर्जा ऑडिट भी कराना होगा। इन दोनों की रिपोर्ट सार्वजनिक क्षेत्र में प्रकाशित की जाएंगी। ऊर्जा लेखांकन रिपोर्ट में विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली की खपत और विभिन्न क्षेत्रों में संप्रेषण और वितरण हानि की विस्तृत सूचना प्रदान करनी होगी। यह अधिक नुकसान और बिजली चेरी वाले क्षेत्रों की पहचान करेगा और सुधारात्मक कार्रवाई के किए जाने के कदमों की जानकारी भी देगा। नुकसान और चोरी के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। रिपोर्ट में दिया गया डेटा, बिजली के नुकसान में कमी लाने के समुचित उपाय करने के लिए विद्युत वितरण कंपनियों को मददगार होगा। ऊर्जा मंत्रालय ने कहा है कि इस पहल से पेरिस समझौता लक्ष्य हासिल करने में भारत की जलवायु कार्रवाईयों में योगदान मिलेगा।
Created On :   11 Oct 2021 9:32 PM IST