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3 साल से अधूरी नल जल योजना-बड़पानी की जनता को कब मिलेगा पानी...?
डिजिटल डेस्क नांदी। ‘‘हमने अक्सर किताबों में पढ़ा है कि जल जीवन का आधार होता है पानी की समस्या हमेशा से एक बड़ी समस्या बनी रही है. जिसके लिए सरकार कई योजनाएं प्रारंभ करती रही है लेकिन यह योजनाए कागजों एवं विज्ञापनों में बेहतर दिखती हुई विकास को दर्शाती है जब बात जमीनी हकीकत की आती है तो योजनाएं शासन-प्रशासन और ठेकेदार की लापरवाही के कारण धाराशाही नजर आती है. ऐसी ही कहानी ग्राम पंचायत बड़पानी की नल-जल योजना की है’’
जनपद पंचायत कटंगी के पठार अंचल की ग्राम पंचायत बड़पानी में 3 साल से नल-जल योजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है. इस योजना को 6 माह में पूर्ण कर लिया जाना था किन्तु समय-सीमा से अधिक का वक्त बीतने के बाद भी योजना अधूरी पड़ी है और ग्रामीणों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है. गांव की महिलाएं बताती है कि पानी जुटाने में ही पुरा दिन व्यतीत होता है. इधर विभागीय अफसर ठेकेदार से समय-सीमा पर काम नहीं कराने की वजह कोविड-19 को बता रहे है जबकि गांव में योजना के पूर्ण होने से पहले ही पंचायत ने जलकर की वसूली शुरू कर दी है. जानकारी अनुसार ग्राम बड़पानी में 12 लाख 50 हजार रूपये की राशि से 6 माह में योजना को मुर्त रूप देना था और यह काम इंदौर की अष्टविनायक कंस्ट्रक्शन कंपनी को विभागीय निगरानी में करना था लेकिन विभागीय अफसर 3 साल का लंबा वक्त बीतने के बाद भी योजना को पूर्ण नहीं करवा पाए और ना ही ठेकेदार पर कोई विभागीय कार्रवाई की गई.
बड़पानी के नितेश उचबगले ने बताया कि साल 2019 के मार्च महीने में पेयजल योजना के तहत निर्माण कार्य शुरू हुआ पानी टंकी बनने में ही 2 साल 10 माह का वक्त बीत गया आज भी पानी टंकी का निर्माण अधूरा पड़ा है. गांव में पाईप लाईन का विस्तार किया गया है और यह पाईप भी खेतों से विस्तारित की गई है टेस्टिंग के दौरान पाईप लाईन में कई जगहों पर लिकेज मिले है जिन्हें आज तक दुरस्त नहीं किया गया. ज्ञात रहे कि खेतों से पाईप का विस्तार करना ग्रामीणों की सेहत से खिलवाड़ करने जैसा है चूकिं खेतों में रासायनिक खाद, उर्वरक का उपयोग किया जाता है कल्पना कीजिए कि कभी बारिश के दिनों में पाईप लाईन लिकेज हो जाए तो यहीं रासायनिक खाद मिश्रित पानी लोगों के घरों तक नलों के माध्यम से पहुंचेगा और ग्रामीणों को बीमार कर सकता है. विभाग का कहना है ठेकेदार ने पाईप लाईन विस्तारीकरण का कार्य पूर्ण कर पंचायत को सौंप दिया है अब पंचायत की जिम्मेदारी है. मगर, पंचायत इससे साफ इंकार कर रही है पंचायत का कहना है कि अधूरी योजना को वह कैसे ले सकते है. विदित हो इस कार्य को 6 माह की समय-सीमा में पुरा करना था लेकिन 3 साल का वक्त होने का आ रहा है और योजना अधूरी पड़ी है. विभागीय अफसर बताते है कि कोविड-19 की वजह से कार्य प्रभावित हुआ है यह सच हो सकता है लेकिन बहुत अजीब भी है चूकिं यह कोई ठोस कारण नहीं है पंरतु इसके बावजूद विभाग ने ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की है और ना ही निर्माण कार्य में विलंब करने पर पेनाल्टी लगाई है जिससे प्रतीत होता है कि विभागीय अफसरों की लापरवाही से भी योजना अधूरी पड़ी है.
ग्रामीणों की माने तो अभी टेंस्टिग के दौरान गांव में नल जल योजना का कई घरों में पानी पहुंचता है वहीं कई घरों में पानी की एक बूंद भी नहीं पहुंच पा रही है. जिसकी प्रमुख वजह पाईप लाईन के विस्तार के दौरान तकनीकि अनदेखी करना, गांव में ढलान वाले हिस्से में पानी आसानी से पहुंच रहा है पंरतु जिस तरह ऊँचाई वाला हिस्सा है वहां पानी नहीं पहुंच पा रहा है. वर्तमान में जिन घरों में पानी पहुंच रहा है वहा बेतहासा पानी बहते रहता है वहीं जहां पानी नहीं पहुंच पा रहा है वहां के लोगों को अब भी लंबी दूरी से पानी लाना पड़ रहा है.
Created On :   21 Jan 2022 3:40 PM IST