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उमरिया के 13 ऑटो मोबाइल, सर्विस सेंटर पर लग सकता है ताला !
डिजिटल डेस्क उमरिया । मुख्यालय में संचालित 13 नामी आटो मोबाइल वर्कशाप एवं सर्विस सेंटर में कभी भी ताला लटक सकता है। प्रतिमाह लाखों की आय अर्जित करने वाले ये वाहन विक्रेता कमाई के बदले पर्यावरण को प्रदूषण परोस रहे हैं। प्रतिष्ठानों से उत्पन्न प्रदूषण पर लगाम कसने संचालकों को पीसीबी शहडोल ने दो मई 2016 को नोटिस जारी कर तलब किया गया था। सालभर बाद भी अभी तक न तो प्रदूषण निवारक यंत्र लगाये गये, न ही कोई जानकारी ली गई। बस एक नोटिस और जारी होते ही क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी जायेगी। बंद होने वाले डीलरों में सोनी मोटर्स, एसएस मोटर्स, महिन्द्रा व पावर ट्रेक्टर जैसे वाहनों के स्थानीय डीलर शामिल हैं। गुप्ता आटो मोबाइल व शुभ मोटर्स भी शामिल
क्षेत्रीय कार्यालय मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शहडोल की जानकारी अनुसार इन व्यवसायिक संस्थानों में बड़ी-बड़ी कंपनियों के डीलर शामिल हैं।प्रदूषण संबंधी नोटिस जारी होने वाले प्रतिष्ठानों में एमएम मोटर्स, सोनी मोटर्स, आयसर ट्रेक्टर, विक्रम आटो, महेन्द्रा ट्रेक्टर, जोनिडयर ट्रेक्टर, जीएल मोटर्स, गुप्ता आटो मोबाइल, सोनालिका ट्रेक्टर, स्वराज ट्रेक्टर, शुभ मोटर्स, न्यू हालैण्ड ट्रेक्टर तथा पावर ट्रेक्टर शामिल हैं।
इनकी हो रही अनदेखी
जारी नोटिस के मुताबिक राष्ट्रीय हरित अधिकरण में विचाराधीन याचिका क्रमांक 160/2014 में उक्त कार्रवाई के निर्देश दिये गये थे। अधिनियमों के प्रावधानों अनुसार प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड से वर्कशाप, एजेंसी व आटोमोबाइल वर्कशाप तथा सर्विस सेंटर का संचालन होना चाहिए। इनमें जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा 25, 26 तथा वायु प्रदूषण निवारण अधिनियम के तहत प्रबंधन हथालन एवं सीमाचार परिचलन से सम्मति एवं प्राधिकार का उल्लंघन हुआ है। सर्विस सेंटर में धुलाई इत्यादि से उत्पन्न दूषित जल उपचार की अनुपयुक्त व्यवस्था है। खतरनाक स्पेंट आयल अपशिष्ट के डिस्पोजल के लिए बोर्ड द्वारा अधिकृत रिसाइकल माध्यम से विक्रय अनिवार्य है। इस दिशा में ये प्रतिष्ठान लापरवाही बरत रहे हैं। यही नहीं विभाग द्वारा 2/5/16 को नोटिस जारी किया गया। फिर भी कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है।
एक नोटिस और फिर बंद होंगे प्रतिष्ठान
प्रदूषण विभाग द्वारा नया नोटिस 21 सितंबर को जारी किया गया है। नोटिस में तत्संबंध नियमों की अनदेखी व आवश्यक उपकरण व प्रावधानों के संबंध में जानकारी तलब की गई है। माकूल जवाब न मिलने पर 15 दिन के भीतर अग्रिम कार्रवाई होगी। तत्पश्चात 15 जल अधिनियम 1974 की धारा 33 क एवं वायु अधिनियम को प्रभावशील करते हुए एजेंसी/आटोमोबाइल वर्कशाप, सर्विस सेंटर का संचालन बंद करना होगा। संबंधित विभाग द्वारा जलापूर्ति, बिजली सप्लाई व अन्य सुविधाएं तत्काल प्रभाव से बंद हो जायेंगी।
इनका कहना है
हमने सभी 13 वाहन संस्थानों को दूसरा नोटिस जारी किया है। अभी तक माकूल जवाब न मिलने पर अंतिम नोटिस व फिर क्लोजर जारी किया जायेगा। कार्रवाई एनजीटी के प्रावधानों के तहत की जायेगी।
जीके बैगा, वैज्ञानिक व उमरिया प्रभारी मप्र.प्र.नि.बोर्ड शहडोल
Created On :   22 Sept 2017 12:44 PM IST