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लॉकडाउन का असर, वाड़ी में 1 हजार ट्रकों की कतार, ट्रांसपोट व्यवसाय ठप
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना वायरस से सभी लोग अपने-अपने तरीके से निपट रहे हैं। हर कोई मास्क पहनकर और सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर खुद को इसकी चपेट में आने से बचा रहा है। वहीं देश में एक करोड़ से ज्यादा ट्रकों को दौड़ाने वाले ड्राइवर भी हैं। इनके पास न तो मास्क है और न ही सैनिटाइजर जैसा कोई आइटम। देश की सप्लाई चेन बाधित न हो, इसे ध्यान में रखते हुए ये लोग छुट्टी भी नहीं ले रहे हैं। कोरोना से बचने के लिए सिर्फ सरकार की हिदायतों का पालन कर रहे हैं। इन दिनों लॉक डाउन के कारण वाड़ी में करीब एक हजार ट्रक चालक परेशानी में हैं। उन्हें खाना तक नसीब नहीं हो रहा है।
प्रशासन भोजन की व्यवस्था करे
पीआई राजेन्द्र पाठक को ट्रांसपोर्टरों ने चालकों की इस समस्या को गंभीरता से लेकर ज्ञापन सौंपा तथा वाड़ी में फंसे चालकों को चाय व भोजन की प्रशासन की ओर से व्यवस्था करने की मांग की। ट्रांसपोर्टरों अपने स्तर पर बाहर से आने वाले चालकों को खाना देने का निर्णय लिया है। धारा 144 लागू होने के कारण ट्रांसपोर्टर-चालक एक जगह एकत्रित नहीं हो सकते। ऐसे में प्रशासन की मदद लेकर ट्रांसपोर्टरों ने ट्रक चालकों की मदद करने की जानकारी ट्रांसपोर्टर राकेश अग्रवाल, महेंद्र शर्मा, नरेंद्र मिश्रा, कुमार सव्वासेरे ने दी।
ट्रांसपोर्टर व चालक परेशानी में
ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां आज की स्थिति में जहां हैं, वहां फंसी हैं। गाड़ियों की किस्त भी नहीं भर पा रहे हैं। पैसे होने के बावजूद चालक भूखे हैं। महामारी की मार सभी झेल रहे हैं। करीब एक हजार के करीब चालक परेशानी में है। -राकेश अग्रवाल, ट्रांसपोर्टर, वाड़ी
करोड़ों का व्यापार डूबा
कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए ब्रेक डाउन ने वाड़ी शहर के ट्रांसपोर्ट के साथ मार्केट का करोड़ों का व्यापार डूब गया है। वाड़ी में रोजाना चलने वाले व्यवसाय ठप पड़े हैं। एक व्यापारी ने बताया कि, सभी व्यवसायों पर बुरा असर पड़ा है। 31 मार्च तक सरकार का अल्टीमेटम है। कोरोना कवर नहीं हुआ तो तारीख बढ़ सकती है।
होटल, ढाबे-रेस्टॉरेंट सभी बंद
गाड़ियों में खाना पका कर भूख मिटा रहे चालकों के पास राशन खत्म हो रहा है। अब उन्हें राशन भी नहीं मिल पा रहा है। होटल, ढाबे, रेस्टॉरेंट बंद होने से वाहन चालकों पर भूखे रहने की नौबत आ रही है। वाड़ी की सड़कों पर ट्रकों की कतारें लग गईं हैं। करीब एक हजार चालक दुविधा में फंसे है। ट्रक चालकों को खाना नसीब नहीं हो रहा है। स्थिति और कुछ दिन ऐसी ही रही तो चालकों के सामने एक बड़ी मुश्किल खड़ी होने की बात एक चालक ने कही।
रोज कमाना, रोज खाने वालों की हालत बुरी
वाड़ी शहर में ज्यादातर कामगार वर्ग है। यह वर्ग रोज कमाना, रोज कमाना की तर्ज पर ही अपनी जिंदगी जीता है, लेकिन अब कामकाज बंद होने से इन कामगारों के खाने के लाले पड़ गए हैं। कंपनियों में जाने वाले कामगार भी घर पर ही हैं। लोग घर के बहार नहीं निकलने से ऑटो चालक, टैक्सी चालकों का धंधा चौपट है, लेकिन इतनी बड़ी परेशानी के बावजूद यह वर्ग कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
Created On :   24 March 2020 3:21 PM IST