वनक्षेत्र में भेड़ चराने की अनुमति तत्काल दें

Immediately allow sheep grazing in the forest area
वनक्षेत्र में भेड़ चराने की अनुमति तत्काल दें
बुलढाणा  वनक्षेत्र में भेड़ चराने की अनुमति तत्काल दें

डिजिटल डेस्क, बुलढाणा। वर्ष २०१५ में शासन नियुक्त समिति ने की सिफारिश के चलते वनक्षेत्र में भेड़ियां चराई की अनुमति तत्काल दें, धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति में आरक्षण तत्काल जारी करें समेत अन्य मांगों के लिए जय मल्हार सेना की ओर से २९ अगस्त के दिन जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आंदोलन किया गया। जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में दर्ज है कि, महाराष्ट्र के जिन वनक्षेत्र परिसर अथवा जिले में चरवाहों पर अपराध दर्ज हुआ हो, वह अपराध खारीज कर चरवाहों को न्याय प्रदान करें, भेड़ी चराई की समस्या हल करने के लिए शासनव्दारा सितंबर २०१५ में राज्यस्तरीय अध्ययन समिति गठित की थी। इस समिति ने वनक्षेत्र का अध्ययन कर वनक्षेत्र का नुकसान न हो तथा चरवाहों को चराई क्षेत्र उपलब्ध हो, ऐसा रिपोर्ट २०१६ को शासन के सामने प्रस्तुत किया था। उस अनुसार वन विभागव्दारा प्रायोगिक तत्व पर बुलढाणा व जलगांव जिले के वनक्षेत्र में दोन वर्ष भेड़ियां चराई को अनुमति दी थी। किंतु बाद में वह अनुमति रद्द की गई। चरवाहों को वनक्षेत्र में पुन: अनुमति प्रदान कर चरवाहों को न्याय प्रदान करें, धनगर समाज को अनु.जनजाति का आरक्षण प्रदान करें ऐसी मांग भी ज्ञापन में की गई है। 

आंदोलन में यह थे शामिल

आंदोलन में जय मल्हार सेना की प्रदेशाध्यक्ष रंजना बोरसे, जिलाध्यक्ष राजू दिवनाले, कमल राठोड, नंदकिशोर खोंदले, राजू दहीकर, सीताराम बिचकुले, प्रवीण गांधीले, मनोज बोंद्रे, सुभाष डोमाले, माधव जाधव, मिठाराम ठेलारी, कडुबा गवारे आदि शामिल हुए थे।

Created On :   30 Aug 2022 6:31 PM IST

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