- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- शहर में बेड न मिला तो बच्चे पापा को...
शहर में बेड न मिला तो बच्चे पापा को बरगी तक ले गए, किसी अस्पताल ने मानवता नहीं दिखाई
डिजिटल डेस्क जबलपुर। कोरोना के इस काल में मानवता किस कदर मर रही है इसका जीता जागता उदाहरण एक फैक्ट्री कर्मी और उसका परिवार है। 56 वर्षीय फैक्ट्री कर्मी को फेफड़े में संक्रमण था और कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव थी। उनके छोटे लेकिन पढ़े-लिखे बच्चों ने रविवार को सबसे पहले शहर के बड़े अस्पतालों से सम्पर्क किया। सभी ने बेड न होने का रोना रोया। इसके बाद मेडिकल और विक्टोरिया जैसे सरकारी अस्पतालों में जाकर मिन्नतें कीं, लेकिन हासिल आई शून्य। थक-हारकर बच्चे कोविड केयर सेंटर भी पहुँचे, जहाँ कुछ सुनी ही नहीं गई। सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात 2 बजे एक निजी अस्पताल ने बेड दिया तो लगा अब सब ठीक हो जाएगा, लेकिन सुबह 10 बजे मरीज को बेड से उठाकर नीचे लाया गया और कहा गया कि इन्हें डिस्चार्ज किया जाता है। हर तरफ से हार के बीच आशा की एक किरण मंगलवार की सुबह तब नजर आई जब पता चला कि बरगी में एक नया अस्पताल बना है वहाँ एक बेड है। परिजन 40 किलोमीटर दूर पहुँच गए, लेकिन वहाँ मरीज को भर्ती करना तो दूर परिसर में खड़े होने तक नहीं िदया गया। दो िदनों से भटकते परिजन मरीज को लेकर घर पहुँचे तो खमरिया फैक्ट्री ने मिसाल कायम की और अधिकारियों ने खुद ही फोन कर भर्ती करने बुलाया, लेकिन दो िदनों में मरीज की जो गत बन चुकी थी उसने उन्हें तोड़ दिया और कुछ ही घंटों के इलाज के बाद वे परिवार को छोड़कर चले गए।
Created On :   20 April 2021 10:20 PM IST