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रेप के आरोपी कांस्टेबल को जमानत मिली तो समाज में जाएगा गलत संदेश - कोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महिला के साथ रेप के मामले में आरोपी पुलिस कांस्टेबल को यदि जमानत दीजाती है, तो इससे न सिर्फ मामले की जांच प्रभावित होगी बल्कि समाज में गलत संदेश जाएगा कि ऐसे मामले में आरोपी को कुछ नहीं होगा। मुंबई सत्र न्यायालय ने यह बात कहते हुए इस मामले में आरोपी पुलिस कांस्टेबल शिवांदना बारचारे की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। पीड़िता के मुताबिक वह पिछले साल कोल्हापुर से मुंबई में पुलिसभर्ती की परीक्षा देने आयी थी। उसके पडोसी ने आरोपी का नंबर उसे दिया था। जैसे ही वह मुंबई आयी उसने आरोपी पुलिस कास्टेबल से संपर्क किया। परीक्षा के दिन आरोपी ने शिकायतकर्ता को परीक्षा केंद्र पहुंचाया।
परीक्षा के बाद आरोपी उसे आराम करने के बहाने लॉज में ले गया। जहां उसने नशीली चीज देकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। इस दौरान आरोपी ने शिकायतकर्ता से शादी का वादा किया था। लेकिन बाद में शिकायतकर्ता को पता चला की आरोपी पहले से शादीसुदा है। इस पर आरोपी ने शिकायतकर्ता से कहा कि वह अपनी पहली पत्नी से तलाक लेकर अलग हो जाएगा। पर कुछ समय बाद पीडिता को ठगी का एहासस हुआ। इस दौरान वह गर्भवती भी हो गई और उसने गर्भपात भी कराया। फिर आरोपी के खिलाफ भोईवाडा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए आरोपी पुलिस कांस्टेबल बारचारे ने सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी। जमानत आवेदन में दावा किया गया था कि मामले को लेकर पीड़िता ने एक साल बाद शिकायत की गई है। इसके साथ ही शिकायतकर्ता वयस्क थी और उसने उसकी सहमति से संबंध बनाए थे। इसलिए मामले में दुष्कर्म का मामला ही नहीं बनता है।
प्रकरण से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद विशेष न्यायाधीश एमएस बरालिया ने कहा कि यदि इस मामले में आरोपी को जमानत दी जाती है तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा कि इस तरह के अपराध को अंजाम देनेवाले आरोपी को कुछ नहीं होता है। इसके साथ ही आरोपी पहले से शादीसुदा है इस बात को उसने पीड़िता से छुपाया है और उसने पीड़िता को शादी का वादा करके उससे संबंध बनाए है। अभी इस मामले की जांच जारी है। इसलिए आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है।
Created On :   10 Jun 2019 7:32 PM IST