टाइगर को मार कर खाल उतार ले गए शिकारी, 3 गिरफ्तार

Hunters took off the skin after killing the tiger, 3 arrested
टाइगर को मार कर खाल उतार ले गए शिकारी, 3 गिरफ्तार
पन्ना के हीरा की सतना में हत्या, अमदरी के तालाब में मिला कंकाल टाइगर को मार कर खाल उतार ले गए शिकारी, 3 गिरफ्तार

डिजिटल् डेस्क सतना। सिंहपुर वन परिक्षेत्र के अमदरी बीट में शिकारियों ने 2 साल के नर बाघ हीरा को करंट लगा कर मार डाला और उसकी खाल उतार ली। शव को तालाब में फेंक दिया। इस सिलसिले में गांव के ही 3 आरोपियों रामप्रकाश बागरी, कृष्णकोल और मुन्ना को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। डीएफओ विपिन पटेल ने बताया कि इन्हीं आरोपियों की निशानदेही पर तालाब के पास धान के एक खेत से 500 मीटर लंबी जीआई तार और लकड़ी की खंूटियां भी बरामद की गई हैं। माना जा रहा है कि टाइगर को 13 अक्टूबर की रात मारा गया। खाल उतार ली गई और शव को तालाब में फेंक दिया गया। शिकारियों के हत्थे चढ़ा टाइगर हीरा (पी-234/31) तकरीबन डेढ़ माह पहले पन्ना टाइगर रिजर्व का अकोला बफर जोन छोड़कर जिले के बरौंधा रेंज में आ गया था। प्राय: इसकी लोकेशन मझगवां रेंज में मिलती थी। इसकी 13 अक्टूबर को आखिरी लोकेशन सिंहपुर रेंज के अमदरी से 15 किलोमीटर दूर मिली थी।  
कॉलर आईडी के सिग्नल से हुआ खुलासा—
लगभग 18 दिन से लापता टाइगर के कॉलर आईडी (नंबर 36053) के सिग्नल पन्ना टाइगर रिजर्व को 31 अक्टूबर की शाम मिले। एक उम्मीद बंधी। डीएफओ विपिन पटेल और एसडीओ लालसुधाकर सिंह खबर मिलते ही अमदरी पहुंच गए, लेकिन रात हो जाने के कारण सर्चिंग नहीं हो पाई। सोमवार को खोज शुरु हुई।  सीसीएफ  रीवा एके सिंह और वाइल्ड लाइफ के अफसर राजेश शेखर भी पहुंच गए। कॉलर आईडी बीच तालाब में मिला। तालाब की तलाशी में टाइगर का कंकाल,मांस के लोथड़े ,जबड़ा, दांत और हड्डियां और नाखून मिले। मगर खाल नहीं मिली। सीसीएफ एके सिंह ने बताया कि शव का अंतिम संस्कार अमदरी में व्हाइट टाइगर सफारी के पशु चिकित्सक डा.राजेश तोमर की मौजूदगी में किया गया।  गिरफ्तार आरोपियों रामप्रकाश बागरी, कृष्णकोल और मुन्ना (सभी निवासी अमदरी) के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा-2 और 9 के तहत मामला दर्ज किया गया है।    
13 वर्ष में तीसरा शिकार—
वन अधिकारियों की मानें तो सतना वन मंडल क्षेत्र में 13 वर्ष के दौरान किसी बाघ का यह तीसरा शिकार है। इससे पहले पन्ना टाइगर रिजर्व से उचेहरा की बदंरहा बीट में आए एक नर बाघ को  शिकारियों ने मई 2008 में  मार दिया था। मई 2019 में मझगवां रेंज में भी एक नर बाघ को करंट लगा कर मारा गया था। जबकि मार्च 2020 में आपसी संघर्ष के चलते एक नर बाघ की मृत्यु हो गई थी। जबकि चितहरा-मझगवां के बीच एक अन्य टाइगर की  ट्रेन से टकराने के कारण मृत्यु हो गई थी। एक अनुमान के अनुसार जिले के जंगल में मौजूदा समय में 16 टाइगर हैं।

Created On :   2 Nov 2021 2:05 PM IST

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