मानवता: मां का शव गांव ले जाने नहीं थे रुपए, लोगों ने की मदद

Humanity: There was no money to take the mothers body to the village, people helped
मानवता: मां का शव गांव ले जाने नहीं थे रुपए, लोगों ने की मदद
मानवता: मां का शव गांव ले जाने नहीं थे रुपए, लोगों ने की मदद



- एम्बुलेंस की व्यवस्था के साथ अंतिम संस्कार के लिए जुटाए रुपए
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल के फीमेल मेडिकल वार्ड में इलाज के दौरान हर्रई की एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। आर्थिक तंगी से जूझ रहा बेटा मां का शव गांव तक ले जाने सक्षम नहीं था। पीडि़त परिवार की व्यथा किसी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। इसके बाद पीडि़त की मदद करने कई लोग सामने आए। लोगों ने मानवता का परिचय देते हुए एम्बुलेंस की व्यवस्था बनाई और अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक मदद कर वृद्धा का शव हर्रई पहुंचाया।
जिला अस्पताल के फीमेल मेडिकल वार्ड में भर्ती हर्रई निवासी वृद्धा शांता ङ्क्षसह का बुधवार सुबह निधन हो गया। आर्थिक रूप से कमजोर शैलेन्द्र सिंह मां के शव को गांव ले जाने एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं कर पा रहा था। एम्बुलेंस चालक शव ले जाने 2600 रुपए किराया मांग रहा था। इस दौरान लगभग पांच घंटे शव वार्ड में पड़ा रहा। आर्थिक तंगी से जूझ रहा परिवार लोगों से मदद की गुहार लगा रहा था। किसी ने सोशल मीडिया पर पीडि़त परिवार की मदद के लिए पोस्ट किया। सोशल मीडिया पर असहाय बेटे की व्यथा देख लोगों ने मदद के हाथ बढ़ाए। कुछ देर में ही लोगों ने जिला अस्पताल पहुंचकर एम्बुलेंस की व्यवस्था बनाई और शव को हर्रई पहुंचाया। इस दौरान लोगों ने आपस में रुपए एकत्र कर परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक मदद की।
प्रबंधन का कहना... जानकारी नहीं मिली
आरएमओ डॉ.संजय राय का कहना है कि ऐसी स्थिति में आरकेएस से किराए का वाहन कर शव को उनके गांव तक पहुंचाया जाता है। हर्रई के इस पीडि़त परिवार ने सूचना नहीं दी। यदि आर्थिक तंगी से पीडि़त परिजन सिविल सर्जन या हमारे पास आते तो उनकी मदद जरुर की जाती।

Created On :   23 Jun 2021 10:50 PM IST

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