घंटों जलता रहा बीएसएनएल टॉवर का बीटीएस ,फोन सेवा ठप , लाखों का नुकसान 

Hours of burning bsnl tower, phone service stalled, loss of lakhs
घंटों जलता रहा बीएसएनएल टॉवर का बीटीएस ,फोन सेवा ठप , लाखों का नुकसान 
घंटों जलता रहा बीएसएनएल टॉवर का बीटीएस ,फोन सेवा ठप , लाखों का नुकसान 

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (चितरंगी)। दोपहर तकरीबन 1 बजे चितरंगी के तहसील कार्यालय से पास लगे बीएसएनएल के टॉवर सिस्टम में अचानक आग भड़क उठी। टॉवर के संचालन के लिए जेनरेटर बैटरी बऑक्स व अन्य उपकरणों की सुरक्षा के लिये एक मात्र गार्ड वहां रखा गया था। अचानक आग लगने के बाद उसने बीएसएनएल के अधिकारियों कर्मचारियों को सूचित किया। बताया जाता है कि टॉवर के पास स्विच आदि के बाद बीटीएस में आग लग गई। जिसका धुआं चारो ओर फैला और भारी भीड़ जमा हो गयी। लेकिन आग बुझाने के लिये किसी प्रकार की ठोस उपाय नहीं किये जा सके। मौके पर उठे धुएं के कारण कोई पास नहीं पहुंच सका। जैसे-तैसे बिजली का कनेक्शन काटा गया, लेकिन तब तक विभाग का संयंत्र जल कर खाक हो गया। लगभग दो घंटे तक जली आग में लाखों का सामान जलकर खाक हो गया। जिसके बाद से बीएसएनएल की सभी लाइनें,मोबाइल फोन बंद हो गये।

नहीं है अग्निशमन यंत्र

स्थानीय लोगों ने बताया कि तहसील मुख्यालय चितरंगी में अग्निशमन के इंतजाम नहीं हैं। ऐसी परिस्थितियों में भी आग लगने पर लोगों को अपने बलबूते पर निपटना होता है। जिसके कारण लोग सरकारी सम्पत्ति को जलते हुए भी तमाशबीन बने रहे।  बैटरियां, बाक्स व इलेक्ट्रिानिक सिस्टम जल कर खाक हो गया है। बताया जाता है कि किसी शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी और सैकड़ों मीटर दूर तक धुआ छा गया था इसके बाद आग पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका।

40 साल पुराने बांधों में रिसाव से किसानों के खेतों में जलभराव

पहाड़ियों से घिरे चितरंगी और देवसर विकासखंड के जलाशयों में निर्माण अवधि के बाद वर्षों से रिसाव की स्थितियां बारिश के मौसम में सामने आ रही हैं। लगभग 40 साल पुराने इन बांधों में जहां एक बांध का रिसाव प्राकृतिक वादियों के कारण पहाडिय़ों में कहीं लीकेज का कारण बना हुआ है तो चितरंगी बांध में कंस्ट्रक्शन डिफेक्ट सामने आया है। इन दोनों स्थानों पर अनेक बार लीकेज को बंद किए जाने के लिए विभागीय कोशिश हर बार नाकाम रही है। परिणाम स्वरूप बांध को निर्धारित क्षमता लेबल पर पूरा नहीं भरा जा रहा है और इसका दुष्परिणाम गर्मियों में सामने आता है जहां कम बांध भराव के चलते पानी भी जल्द समाप्त हो जाता है। अधिकारिक सूत्रों की माने तो देवसर स्थित उमरहर बांध में लेबल 1.20 मीटर के ऊपर होने के बाद लीकेज के कारण पूरा नहीं भरा जा सकता है। 
 

Created On :   1 Aug 2019 1:30 PM IST

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