संस्कारधानी में अब नहीं मिलेगा तंदूर पर बनने वाला खाना, फैसले के पीछे प्रशासन ने दिया ये तर्क, होटल और टैंट संचालकों में मचा हड़कंप

Hotel and tent after an order of administration in Jabalpur
संस्कारधानी में अब नहीं मिलेगा तंदूर पर बनने वाला खाना, फैसले के पीछे प्रशासन ने दिया ये तर्क, होटल और टैंट संचालकों में मचा हड़कंप
तंदूर पर बैन संस्कारधानी में अब नहीं मिलेगा तंदूर पर बनने वाला खाना, फैसले के पीछे प्रशासन ने दिया ये तर्क, होटल और टैंट संचालकों में मचा हड़कंप

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जबलपुर में प्रशासन के एक आदेश से सभी होटलों और टैंट संचालकों के बीच हड़कंप मच गया है। केंद्र सरकार के निर्देश पर एयर क्वालिटी सुधारने और पर्यावरण की दृष्टि से सभी राज्य अलग-अलग अभियान चला रहे हैं, कि कैसे प्रदूषण को कम किया जाए। इसी उद्देश्य से जबलपुर में प्रशासन ने भी एक कोशिश की है, कि शहर में हवा की गुणवत्ता बेहतर रखना है। संभागायुक्त व्ही चंद्रशेखर ने बताया कि जानकारी मिली थी, कि होटल में चलने वाले तंदूरों को लकड़ी और कोयला से जलाया जा रहा है। इससे निकलने वाले धुएं से प्रदूषण फैल रहा है। इसे कम करने के लिए होटल संचालकों को निर्देश दिए गए हैं, कि मिट्टी के तंदूर की जगह इलेक्ट्रिक तंदूर या एलपीजी तंदूर का उपयोग करें।

प्रशासन के आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 5 लाख रुपए जुर्माने की बात भी कही गई है।

वही दूसरी ओर तंदूर की रोटी के शौकीनों को भी झटका लगा है। होटल संचालकों का कहना है, कि प्रशासन का आदेश व्यावहारिक नहीं है। ऐसा आदेश जारी करने वाला जबलपुर प्रदेश में संभवत: पहला जिला है।
दरअसल, खाद्य विभाग ने हाल में 50 होटलों को नोटिस जारी किया है। इसमें लकड़ी और कोयले वाले तंदूर नहीं सुलगाने की बात कही गई है। इसके बजाय एलपीजी या इलेक्ट्रिक तंदूर जलाने की सलाह दी गई है। तर्क दिया गया है, कि ये निर्णय हवा की क्वालिटी सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है। 

अफसर का कहना हैं, तंदूर से फैलता है प्रदूषण
संभागायुक्त ने बताया कि जिले की एयर क्वालिटी बेहतर करने के लिए हाल में बैठक हुई थी। मीटिंग में सामने आया कि होटल पर जलने वाले तंदूर के कारण हवा की क्वालिटी प्रभावित हो रही है। वाहनों के साथ तंदूर से निकलने वाले धुएं का भी प्रदूषण में बड़ा योगदान है। गंभीरता से विचार के बाद इस पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया। कमिश्नर के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने आदेश जारी किया।

तंदूर की रोटियों में कार्बन डाइ ऑक्साइड की मात्रा भी ज्यादा
खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज श्रीवास्तव का कहना है, कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए होटल और रेस्टोरेंट में चलने वाले तंदूर की भट्टियों पर रोक लगाया गया है। साथ ही, तंदूर की रोटियों में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा भी ज्यादा होती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। सभी होटल, रेस्टारेंट और ढाबा संचालक को आदेश के पालन के लिए तीन दिनों का समय दिया गया है।

होटल संचालकों में हड़कंप
इस निर्देश पर होटल, रेस्टारेंट संचालकों में हड़कंप है। होटल संचालकों का कहना है कि जबलपुर में करीब 100 से ज्यादा होटल हैं। आमतौर पर सभी पर तंदूर का उपयोग किया जाता है। कस्टमर्स को भी तंदूर की रोटी पसंद होती है। ऐसे में अचानक तंदूर का उपयोग बंद कर दिया, तो व्यापार प्रभावित होगा। होटल संचालक हेमंत मोटवानी ने बताया कि इससे पहले इलेक्ट्रिक तंदूर का उपयोग कर चुके हैं, लेकिन व्यावहारिक नहीं रहा।

इलेक्ट्रिक तंदूर की समस्या
•    इलेक्ट्रिक तंदूर की क्वॉइल गरम हो जाती है, तो करंट का खतरा बढ़ जाता है।
•    मिट्टी के तंदूर में तपन अच्छी होती है, जबकि इलेक्ट्रिक तंदूर में हीट कम होने 
 के कारण रोटियां खराब हो जाती हैं।
•    मिट्टी के तंदूर की कीमत 5 से 6 हजार होती है, जबकि इलेक्ट्रिक तंदूर 15 से 20 हजार रुपए है।
•    वर्तमान में जबलपुर में इलेक्ट्रिक तंदूर उपलब्ध नहीं हैं।

टेंट संचालक बोले - संभव नहीं है
टेंट संचालको की मानें तो जबलपुर में 100 से ज्यादा टेंट हाउस हैं। इतनी जल्दी अगर हम चाहें, तो भी इलेक्ट्रिक तंदूर नहीं ला सकते। हालांकि होटल संचालक तो इलेक्ट्रिक तंदूर का उपयोग कर सकते हैं, पर जहां हम टेंट लगाते हैं, वह खुले में होता है। वहां देखना होगा कि बिजली की व्यवस्था है कि नहीं। मिट्टी के तंदूर को तो उठाकर रख सकते हैं, पर इलेक्ट्रिक तंदूर को रखने में लापरवाही की, तो वह खराब हो सकता है।

कैटरर्स ओम प्रकाश केशरवानी बताते हैं कि प्रशासन के आदेश का पालन भी करेंगे, पर इतना समय तो दिया जाए कि उसे खरीदकर ला सकें। क्योंकि इलेक्ट्रिक तंदूर सिर्फ दिल्ली में ही मिलते हैं। उन्होंने बताया कि अचानक आदेश के बाद समस्या खड़ी हो गई है। शादी के कई ऑर्डर बुक हो गए हैं, जिसमें तंदूरी रोटी भी बनानी है। ऐसे में अगर अब मिट्टी के तंदूर का उपयोग करेंगे, तो प्रशासन कार्रवाई करेगा। वहीं, अगर तंदूर नहीं लगाते, तो ग्राहक ऑर्डर कैंसिल कर सकता है, क्योंकि ऑर्डर बुक करते समय ग्राहक ने तंदूरी रोटी भी मांगी है।

Created On :   4 Feb 2023 4:46 PM IST

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