विदर्भ वासियों की आस्था से जुड़ी घोड़ा रथ यात्रा प्रारंभ

Horse Rath Yatra  started related to the faith of Vidarbha people
विदर्भ वासियों की आस्था से जुड़ी घोड़ा रथ यात्रा प्रारंभ
चिमूर विदर्भ वासियों की आस्था से जुड़ी घोड़ा रथ यात्रा प्रारंभ

डिजिटल डेस्क, चिमूर। घोड़ा रथ यात्रा उत्सव विदर्भ में प्रसिद्ध है। 395 वर्ष से संपूर्ण विदर्भ में प्रसिद्ध चिमुर की घोडा यात्रा उत्सव मनाया जाता है। इस वर्ष भी श्रीहरि बालाजी देवस्थान समिति द्वारा आयोजित शनिवार 5 फरवरी को श्रीहरि बालाजी घोड़ा रथ यात्रा उत्सव प्रारंभ हुआ है। यह उत्सव 15 दिन तक चलेगा। यात्रा के लिए विदर्भ के हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं। जानोजी भोसले ने पेशवा के सरदार देवाजीपंत चोरघड़े के अनुरोध पर 1750 के दौरान चिमूर में 200 एकड़ जमीन मंदिर स्थापन के लिए दी थी। मंदिर में एक ऊंचा प्रवेशद्वार है। प्रवेशद्वार पर नक्काशी का काम किया गया है। लकड़ी के सभा मंडप में 12 स्तंभ हैं। इन स्तंभों पर हाथी, बाघ आदि के चित्र की नक्काशी की गई है। इसके सामने चार पत्थर के खंभों वाला एक सभामंडप है। इसमें बारह आधारशिला बनाई गई है। श्रीहरि बालाजी की मूर्ति तिरुपति बालाजी की मूर्ति के समान है। यहां पर 5 फरवरी को यात्रा प्रारंभ हुई है। इसमें 7 फरवरी को रथ सप्तमी, 10 फरवरी को गरुड़ वहन यात्रा, 12 फरवरी को मारोती वहन यात्रा, 14 फरवरी को घोड़ारथ यात्रा, 17 फरवरी को गोपाल काला कीर्तन कर मुख्य यात्रा का समापन होने पर भी यह यात्रा महोत्सव 1 मार्च महाशिवरात्रि तक शुरू रहेगा। इस यात्रा के दौरान कई स्वयंसेवी संगठन तथा नगर परिषद के माध्यम से सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। 

Created On :   8 Feb 2022 6:59 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story