219 हितग्राहियों को जागी आस, लीज की दर चुकाने के बाद भी 30 वर्ष से भटकाव

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
कटनी 219 हितग्राहियों को जागी आस, लीज की दर चुकाने के बाद भी 30 वर्ष से भटकाव

डिजिटल डेस्क ,कटनी । सुधार न्यास आवासीय योजना के 219 हितग्राहियों को न्याय मिलने का मार्ग प्रशस्त होते हुए दिखाई दे रहा है। 1984 में योजना के तहत सरकार ने रियायत दर पर हितग्राहियों को भू-खण्ड की बिक्री लीज के आधार पर की थी। इसके बावजूद  219 हितग्राही लीज का दर चुकाने के बाद भी आधिपत्य पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे थे। हाउसिंग बोर्ड निवासी राजेन्द्र राव ने भी योजना क्रमांक 2 में 350 वर्ग मीटर भूमि का अनुबंध १९९५ में लीज के आधार पर किया था। इसके बावजूद लीज पट्टा का आधिपत्य नगर निगम द्वारा नहीं दिया जा रहा था। जिसके बाद पीडि़त हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अधिवक्ता शंकर प्रसाद सिंह के माध्यम से उन्हें 25 वर्ष बाद जमीन पर कब्जा मिला। अवैध कब्जा का भी आया था खेल योजना क्रमांक दो में बंदरबांट की कहानी का जीगता-जागता प्रमाण वह पेयजल टंकी है। जो एमएसडब्लू प्लांट के परिसर में मौजूद है। जिस समय हितग्राहियों को प्लाट देने का निर्णय लिया गया और लोग उस समय डेढ़ से दो लाख रुपए खर्च कराते हुए जमीन की रजिस्ट्री करा लिए तो सडक़, नाली और अन्य सुविधा की मांग प्लाट लेने वाले करते रहे। जिनकी मांग पर नगर सरकार ने यहां पर पेयजल टंकी का निर्माण भी किया था, साथ ही डब्लूबीएम सडक़ का भी निर्माण किया, लेकिन प्लाट देने में पीछे हट गए।  इसी जगह पर कुछ दिनों पहले अवैध कब्जा का भी खेल शुरु हो गया था।  दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित के बाद प्रशासन ने यहां से अवैध कब्जा हटाया था। 
पूरे योजना पर एक नजर
दुगाड़ी नाले के समीप कुछ लोगों की जमीन भी अधिग्रहित की। इसके लिएमुआवजा भी दिया गया। योजना क्रमांक 2 में 220 हितग्राहियों को 40 बाई 60 वर्गफुट के हिसाब से प्लाट देने की योजना बनाई गई। सरकार के वादों पर कई लोग जमीन की रजिस्ट्री भी करा लिए। तीस वर्ष से भू-मालिकों के पास रजिस्ट्री में तो जमीन है, लेकिन धरातल पर एक इंच भूमि भी इस योजना की नहीं है। वर्ष 1991 में नगर सुधार न्यास कटनी का संविलियन नगर पालिक कटनी में कर दिया गया। जिसके बाद लोगों में यह उम्मीद जागी कि जनप्रतिनिधि शहर के रहने वाले ही हैं। इसलिए भूखण्ड का सपना अब पूरा होगा, लेकिन यहां पर भी जनप्रतिनिधि लोगों की उम्मीदों में खरा नहीं उतरे।

Created On :   11 Jan 2022 3:08 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story