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शासन-प्रशासन की अनदेखी के कारण दम तोड़ रहीं ऐतिहासिक धरोहरें
डिजिटल डेस्क, प्रशांत पिसे, पवनी (भंडारा) . किसी गांव या शहर का विकास वहां के उद्योग या वहां की ऐतिहासिक धरोहर से हो सकता है l वैनगंगा नदी तट पर बसा पवनी शहर यह ऐतिहासिक शहर है। इस शहर में सैकड़ों मंदिर, गरूड खांब, नदी तट पर तराशे गए पत्थरों से निर्मित घाट, भारतीय पुरातत्व विभाग और नागपुर विद्यापीठ के माध्यम से खुदाई में इसा पूर्व के मिले बौद्धकालीन स्तूप दस किमी की दूरी पर बना गोसीखुर्द राष्ट्रीय प्रकल्प, दो किमी रुयाल में अंतरराष्ट्रीय पन्ना मेत्ता बौद्ध स्तूप और उमरेड़-पवनी-करांडला अभयारण्य यह सभी पवनी के विकास के केंद्रबिंदू हो सकते हैं।
यहां के सभी घाट थे आरक्षित
पवनी शहर वैनगंगा नदी तट पर बसा होने से गोंड राजा और भोसले राजाओं के कार्यकाल में तराशे गए पत्थरों से बनाए गए ऐतिहासिक घाट आज भी इतिहास की गवाही दे रहे हैं। राजा महाराजाओं के शासनकाल में नदी घाट विभिन्न जातियों एवं वर्गो के साथ साथ जानवरों के लिए भी आरक्षित थे। इन में से कई घाट अभी भी अच्छी स्थिति में हंै। इन घाटों में दिवाण घाट, पवनखिंड घाट, घोडे़घाट, ताराबाई घाट, नारायण जयराम घाट एवं वैजेश्वर घाट आज भी मौजूद है। लेकिन यहां की नगर परिषद प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीन नीति के कारण यह ऐतिहासिक धरोहर नष्ट होने की कगार पर है। कहीं घाट उखड़ रहे हंै और वहां बने गढ़ ढल रहे हंै। इन्ही घाटों में दीवान घाट का विशेष महत्व था। इस घाट पर राजाओं के दीवान यहां नहाते थे। इसी तरह दीपावली के पावन पर्व पर इसी घाट से वैनगंगा नदी पात्र में दीए छोड़े जाते थे।
लेकिन जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन की उदासीनता एवं अनदेखी की वजह से इस घाट की खस्ताहालत हुई हैl यह घाट अभी नष्ट होने के कगार पर हैं।
इसी तरह पवनखिंड घाट पर शहर श्रद्धालू नहाकर अष्टविनायक में से एक पंचमुखी श्रीगणेश मंदिर, दत्त मंदिर, मुरलीधर मंदिर, रांझी के विशालकाय गणेश मंदिर की पूजा अर्चाना करते थेl लेकिन इस पवनखिंड घाट की खस्ताहालत देखी नहीं जातीl इसी घाट पर नगर परिषद प्रशासन ने फिल्टर प्लांट बनाकर इस घाट का अस्तित्व खत्म कर दिया हैl ऐतिहासिक दिवाणघाट और पवनखिंड घाट का जीर्णोद्धार कर ऐतिहासिक वास्तू का जतन करणे की आवश्यता हैl इसी तरह घोडों के लिए पीने के पानी के लिये घोडेघाट था। एवं अन्य घाटो का संरक्षण कर वैनगंगा नदी पर बने पुल से वैजेश्वर घाट तक सुरक्षा दीवार उर्वरित जगह पर घाट बनाने की आवश्यकता हैl पवनी शहर अंग्रेजी के यू आकार के मिट्टी के परकोट के अंदर बसा हुआ हैl पवनी शहर में प्रवेश करने के लिए प्रवेश द्वार है और प्रवेशद्वार को लगकर तराशे गए पत्थरों से बना किल्ला हैl प्रवेशद्वार से प्रवेश करते ही धारणीधर श्री गणेश मंदिर है l अगर पवनी शहर के नदी तट पर बने घाट, मंदिर, बौद्ध स्तूप इन सभी का जीर्णोद्धार किया गया तो यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और यहां के युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा l
Created On :   22 Dec 2022 10:11 PM IST