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दो पक्षों पर ही बंधनकारी अंतरिम आवेदन पर हाईकोर्ट का निर्णय, 2018 की व्यवस्था यथावत
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने रामपुर स्थित निजी भूमि पर बने शिव मंदिर में कांवड़ यात्रा और पूजा करने के लिए दायर आवेदन पर कहा है कि इस मामले में कोई नया आधार नहीं लिया गया है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने कहा है कि 1 अगस्त 2018 को हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश ही दोनों पक्षों पर बंधनकारी होगा। एक अगस्त 2018 को हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि यथास्थिति की व्यवस्था दो पक्षों के बीच तक ही बंधनकारी है। यह व्यवस्था ऐसे व्यक्तियों पर लागू नहीं होगी, जो इस प्रकरण में पक्षकार नहीं है।
ऊषा डिलेमा और जॉन डिलेमा द्वारा मंदिर में कांवड़ यात्रा और पूजा से रोका जा रहा
हवाबाग कॉलेज लक्षमी परिसर निवासी अंजू भार्गव, धर्मसेना के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल और कमल पांडेय की ओर से आवेदन दायर 13 अगस्त 2019 को सुबह 9 से शाम 5 बजे तक रामपुर स्थित शिव मंदिर में कांवड़ यात्रा और पूजा की अनुमति मांगी गई थी। आवेदनकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कहा गया कि ऊषा डिलेमा और जॉन डिलेमा द्वारा मंदिर में कांवड़ यात्रा और पूजा से रोका जा रहा है। अनावेदकों की ओर से अधिवक्ता उमेश त्रिपाठी ने तर्क दिया कि शिव मंदिर निजी जमीन पर बना हुआ है।
यहां पर अनावेदकों को कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं दी जाना चाहिए। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में कोई नया आधार नहीं लिया गया है। इस मामले में पूर्व में हाईकोर्ट द्वारा एक अगस्त 2018 को दिया गया आदेश ही दोनों पक्षों पर बंधनकारी होगा। इस अभिमत के साथ न्यायालय ने आवेदन खारिज कर दिया है।हवाबाग कॉलेज लक्षमी परिसर में इस शिव मंदिर को लेकर पहले भी विवाद की स्थिति बनी थी जिसे सुलझा लिया गया था ताजा मामला कांवड़ यात्रा को लेकर चल रहा है । हांलाकि सावन का चौथा सोमवार बीत चुका है । फिलहाल मामले पर कोर्ट द्वारा निर्देशित किया जा चुका है।
Created On :   13 Aug 2019 1:51 PM IST