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हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : विवाहित युवती अपनी मर्जी से प्रेमी के साथ रहने स्वतंत्र
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने कहा है कि विवाहित युवती अपनी मर्जी से प्रेमी के साथ रहने के लिए स्वंतत्र है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकल पीठ ने इस निर्देश के साथ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निराकरण कर दिया है। एकल पीठ ने बच्चों की कस्टडी के लिए विवाहित युवती को कुटुम्ब न्यायालय में जाने के लिए कहा है। इस युवती के दो बच्चे हैं और वह अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती है । युवती का कहना है कि वह अपने प्रेमी के साथ ही रहना चाहती है । वह अपने बच्चों को भी अपने पास ही रखना चाहती है।
युवती कटनी माधव नगर निवासी विक्की आहूजा के पास से बरामद
प्रकरण के अनुसार डिंडोरी निवासी एक विवाहित युवती पिछले महीने घर से गायब हो गई थी। युवती के पति ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने विवाहित युवती को कटनी माधव नगर निवासी विक्की आहूजा के पास से बरामद किया। इसके बाद पुलिस ने युवती को उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया। विक्की आहूजा की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा गया कि डिंडोरी निवासी उसकी प्रेमिका को जबरन बंधक बनाकर रखा गया है। पिछली सुनवाई में अधिवक्ता अंकित सक्सेना और राहुल दिवाकर के तर्क सुनने के बाद युवती को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था। पुलिस ने शुक्रवार को विवाहित युवती को कोर्ट में पेश किया।
युवती ने कोर्ट में कहा कि वह अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती
युवती ने कोर्ट में कहा कि वह अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती है। वह अपने प्रेमी विक्की आहूजा के साथ रहना चाहती है। युवती ने न्यायालय से अपने दो बच्चे दिलाने का भी अनुरोध किया। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने इस निर्देश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया कि विवाहित युवती अपनी मर्जी से प्रेमी के साथ रहने के लिए स्वतंत्र है। राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता परितोष गुप्ता ने पक्ष रखा।
Created On :   27 July 2019 2:25 PM IST