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शिक्षक नियुक्ति के लिए 50% अंकों की अनिवार्यता रद्द
डिजिटल डेस्क,नागपुर। स्कूली शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में राज्य सरकार को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ से तगड़ा झटका लगा है। स्कूल शिक्षक बनने के लिए ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन 50 प्रतिशत अंक होने की शर्त को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। सचिन सुरवड़े व अन्य अभ्यार्थियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माना है कि सरकारी जीआर की यह शर्त महाराष्ट्र एम्प्लाइज ऑफ प्राइवेट स्कूल्स (एमईपीएस) रूल्स के प्रावधानों के मुताबिक नहीं है। प्रावधानों में अभ्यार्थी को केवल सेकंड डिविजन में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री होना जरूरी था। ऐसे में सरकार की नई शर्त को सही नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने 50 प्रतिशत अंकों की शर्त खारिज करते हुए राज्य सरकार को याचिकाकर्ता को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति देने के आदेश दिए हैं।
जीआर में किया था बदलाव
राज्य सरकार ने 7 फरवरी 2019 को एक जीआर जारी किया, जिसमें सरकार ने स्कूली शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़े नियमों में बदलाव किया। इसी जीआर में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के शिक्षक पद के लिए कई शर्तें रखी गईं। पवित्र पोर्टल के जरिए होने वाली इस नियुक्ति प्रक्रिया में बीएड डिग्री धारी अभ्यार्थियों को पात्रता परीक्षा तो पास करना जरूरी था। नई शर्त में उन्हें ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में कम से कम 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य कर दिए गए। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में मुद्दा उठाया था कि सरकार की यह शर्त एमईपीएस रूल्स के प्रावधानों के खिलाफ है। हाईकोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को सुनकर अपना फैसला सुनाया। याचिकाकर्ता की ओर से एड. सुमीत गंधे ने पक्ष रखा।
नई इमारत तैयार, आचार संहिता से टलेगा उद्धघाटन
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की नई प्रशासकीय इमारत अमरावती रोड स्थित कैंपस के पास बनकर तैयार हो गई है। इमारत में केवल फिनिशिंग का काम शेष है। इमारत पूरी हो जाने के बावजूद विश्वविद्यालय ने अगले कुछ महीने के लिए उद्धघाटन समारोह टाल दिया है। दरअसल, राज्य सरकार और बजाज उद्योग समूह की आर्थिक मदद से यह भव्य इमारत बनाई जा रही है। ऐसे में इमारत के उद्धघाटन के लिए विश्वविद्यालय को राज्य मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और बजाज उद्योग समूह के राहुल बजाज की उपस्थिति चाहिए।
राज्य में विधानसभा चुनावों के चलते जल्द ही आचार संहिता लगने वाली है। ऐसे में फिलहाल विवि को मुख्यमंत्री फडणवीस का समय नहीं मिल पा रहा। विवि कुलगुरु डॉ.सिद्धार्थविनायक काणे के अनुसार विवि आचार संहिता समाप्त होने के बाद नई इमारत का उद््घाटन करेगा। बता दें कि बजाज उद्योग समूह के कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी उपक्रम के तहत इमारत के निर्माणकार्य के लिए 15 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। इसमें विवि भी अपनी ओर से लागत लगा रहा है। वर्ष 2015 में राज्य मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसका शिलान्यास किया था। करीब चार वर्ष बाद यह इमारत लगभग बनकर तैयार है।
Created On :   29 Aug 2019 3:53 PM IST