HC ने मांगा जवाब - मंडी सचिव को किस प्रावधान के तहत दाल खरीदी की देखरेख का अधिकार

High Court asks the right of secretary regarding purchase checking of lentils
HC ने मांगा जवाब - मंडी सचिव को किस प्रावधान के तहत दाल खरीदी की देखरेख का अधिकार
HC ने मांगा जवाब - मंडी सचिव को किस प्रावधान के तहत दाल खरीदी की देखरेख का अधिकार

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने राज्य शासन से एक सप्ताह में पूछा है कि मंडी सचिव को किस प्रावधान के तहत दाल खरीदी की देखरेख का अधिकार दिया गया है। जस्टिस एसके पालो की एकल बेंच ने यह जवाब एक मंडी सचिव की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर मांगा है। प्रकरण के अनुसार कृषि उपज मंडी टिमरनी गाडरवारा के सचिव महेन्द्र कुमार रैकवार की ओर से अग्रिम जमानत आवेदन दायर किया गया है।

आवेदन में कहा गया है कि उस पर अरहर दाल खरीदी में गड़बड़ी के मामले में धारा 420 और 434 का प्रकरण दर्ज किया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि दाल खरीदी के लिए मंडी समिति जिम्मेदार है। इसके लिए मंडी सचिव को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, इसलिए याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए। राज्य शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि दाल खरीदी की देखरेख के लिए मंडी सचिव ही जिम्मेदार है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकल बेंच ने राज्य शासन से एक सप्ताह में पूछा है कि किस प्रावधान के तहत मंडी सचिव को दाल खरीदी की देखरेख के अधिकार दिए गए हैं।

अभ्यावेदन के निराकरण तक तबादले पर रहेगी रोक
हाईकोर्ट ने राज्य शासन को निर्देश दिया है कि असिस्टेंट राजस्व निरीक्षक के तबादले के अभ्यावेदन पर चार माह में विचार करे। जस्टिस एसके गंगेले की एकल बेंच ने आदेशित किया है कि जब तक अभ्यावेदन का निराकरण नहीं हो जाता, तब तक याचिकाकर्ता हर्रई नगर परिषद छिंदवाड़ा में काम करता रहेगा। हर्रई नगर परिषद छिंदवाड़ा में असिस्टेंट राजस्व निरीक्षक रविशंकर चौकसे की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य शासन ने उनका तबादला अमरवाड़ा कर दिया है। याचिका में कहा कि याचिकाकर्ता की पत्नी गंभीर बीमारी से पीड़ित है। उन्हें नियमित अंतराल में खून चढ़ाया जाता है। उनकी पत्नी का इलाज नरसिंहपुर में चल रहा है। यदि याचिकाकर्ता का तबादला हो जाता है तो पत्नी के इलाज में काफी परेशानी होगी।

याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार को तबादला रोकने के लिए अभ्यावेदन दिया, लेकिन उनके अभ्यावेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। सुनवाई के बाद एकल बेंच ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर चार माह विचार करने का निर्देश दिया, अभ्यावेदन के निराकरण तक याचिकाकर्ता हर्रई नगर परिषद में काम करता रहेगा।

 

Created On :   15 Jun 2018 7:22 PM IST

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