हाईकोर्ट: पीएससी परीक्षा को चुनौती देने वाली 36 याचिकाओं की सुनवाई एक साथ होगी

High Court: 36 petitions challenging the PSC examination will be heard simultaneously.
हाईकोर्ट: पीएससी परीक्षा को चुनौती देने वाली 36 याचिकाओं की सुनवाई एक साथ होगी
हाईकोर्ट: पीएससी परीक्षा को चुनौती देने वाली 36 याचिकाओं की सुनवाई एक साथ होगी



डिजिटल डेस्क जबलपुर।  मप्र हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर में पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा को चुनौती देने वाली 36 याचिकाओं की सुनवाई एक साथ की जाएगी। इस मामले में 7 याचिकाएँ मुख्यपीठ में दायर की गई थीं, जबकि हाईकोर्ट की इंदौर खण्डपीठ से 29 याचिकाओं को सुनवाई के लिए भेजा गया है। जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस वीरेंदर सिंह की डिवीजन बैंच ने राज्य शासन और पीएससी को जवाब पेश करने का भी निर्देश दिया है।  याचिकाओं की अगली सुनवाई 15 मार्च को नियत की गई है।
यह है मामला-
पीएससी 2019 की प्रारंभिक परीक्षा के खिलाफ दायर याचिकाओं में कहा गया है कि पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में गलत तरीके से आरक्षण के प्रावधान लागू किए गए हैं। पीएससी ने अनारक्षित वर्ग के लिए 40 प्रतिशत, ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत, एससी के लिए 16 प्रतिशत, एसटी के लिए 20 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया है। इससे पीएससी में 113 प्रतिशत आरक्षण हो गया है।
आरक्षण अधिनियम की गलत व्याख्या-
वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष पॉल, रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक शाह का कहना है कि आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4 (4) की गलत तरीके से व्याख्या की जा रही है। राज्य सेवा परीक्षा नियम 2015 के संशोधनों को भी भूतलक्षी प्रभाव से लागू किया जा रहा है। पिछली सुनवाई के दौरान डिवीजन बैंच ने पीएससी प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को याचिका के निर्णय के अधीन रखने का निर्देश दिया है।

Created On :   22 Feb 2021 8:41 PM IST

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