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गोभा गांव में फिर लौटा हाथियों का झुंड, ग्रामीणों में हड़कंप
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। कोतवाली थाना व वन परिक्षेत्र के गोभा गांव में एक बार फिर से हाथियों के झुंड की वापसी हो गई है। जिससे ग्रामीणों में हड़कंप और दहशत का माहौल निर्मित हो गया है। शनिवार की सुबह गांव के मुहाने पर बार्डर क्षेत्र में 13 सदस्यीय हाथियों के दल की चहलकदमी पर नजर पड़ते ही ग्रामीण आशंका से भर उठे। ग्रामीणों की आशंका शाम ढलते-ढलते सच साबित हो गई। हाथियों का दल शाम 6.30 बजे गांव के पश्चिमी टोले उर्तीडांड व कुदरी टोला स्थित मान प्रसाद बैस के खेत तक जा पहुंचा। उत्पाती हाथी दल ने फसल को कुचलने लगा। जैसे-जैसे हाथियों का दल घनी बस्ती की ओर मूवमेंट करने लगा, वैसे-वैसे आसपास के टोले के रहवासियों में दहशत व्याप्त होने लगी। ग्रामीणों ने बताया कि दोपहर में वन विभाग का अमला नजर आ रहा था, लेकिन शाम ढलते ही वो भी नदारद हो गया। रात के समय हाथी उन्हें नुकसान न पहुंचा दें, इस डर से सुरक्षित स्थानों की ओर निकल गये। गोभा पुलिस ने भी खतरे के मद्देनजर टोले के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की हिदायत देती रही।
पुलिस चौकी में ग्रामीणों ने ली शरण
हाथी दल के मूवमेंट व उत्पात की खबर से भयभीत लोगों ने आपस में विचार-विमर्श कर पुलिस चौकी गोभा व बलसोता में शरण लेने की भी देर रात सूचना मिल रही है। लगभग एक सैकड़ा रहवासियों के वहां शरण लेने से पुलिस मुस्तैद हो गई। चौकी प्रभारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को स्थिति की जानकारी देकर मदद भेजने का आग्रह किया ैहै। क्योंकि बड़ी संख्या में ग्रामीण चौकी में जमा हैं। इन ग्रामीण के पास कोई सामान भी नहीं है। जिसके हाथ जो लगा, वह लेकर अपने घरों को छोड़कर भाग निकले हैं।
ऐसे समय में बिजली भी गुल
एक ओर जहां गोभा इलाके में हाथियों ने उत्पात मचा रखा है, ऐसे समय में इलाके की बिजली भी गुल हो गई है। जिससे पूरे क्षेत्र में अंधेरा व्याप्त है। अंधेरे के कारण हाथियों के मूवमेंट का भी अंदाजा नहीं हो पा रहा है। इन परिस्थितियों को लेकर ग्रामीणों में और भी चिंता व्याप्त हो गई है। हालांकि ग्रामीण टार्च आदि की रोशनी में हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन घुप अंधेरे के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है।
यूपी से डीजे, छग में सायरन बजाकर खदेड़ा
हाथियों के मूवमेंट से भयभीत यूपी के ग्रामीणों और प्रशासन ने डीजे में शेर की दहाड़ बजाकर हाथियों को मप्र और छग की ओर भागने पर मजबूर किया। हाथी छग पहुंचे तो वहां के प्रशासन ने डायल 100 का सायरन बजाकर उन्हें मप्र की ओर खदेड़ दिया। कुछ स्थानों पर सूखे चारा व वेस्ट मटेरियल में आग लगा दी गई, जिससे हाथी गोभा की ओर आ गये हैं। अब सिंगरौली का वन अमला और प्रशासन किस तरह इनको खदेड़ता है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। लेकिन यह झुंड जितने दिन जिले की सीमा में रहेगा, नुकसान उतना ही ज्यादा होगा।
पिछले वर्ष किया था भारी नुकसान
पिछले वर्ष भी यह झुंड जिले में आया था और करीब एक हफ्ते तक यहीं रहा था। उस दौरान एक ग्रामीण और एक वन कर्मी को इन्होंने कुचल कर मार दिया था। फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान किया था। कई घरों और झोपडिय़ों को भी तहस-नहस कर दिया था। इस दौरान हाथियों के हमले में कई ग्रामीण घायल भी हो गये थे। काफी प्रयासों के बाद वन अमला इन हाथियों के झुंड को छग की सीमा में धकेलने में कामयाब हो पाया था। उसके बाद दो बार और यह झुंड गोभा क्षेत्र में आ चुका है।
Created On :   6 Sept 2020 4:53 PM GMT