स्टूडेंट्स को मोटापा से बचाने एफडीए ने शुरु किया स्कूल-कॉलेज फूड प्रोजेक्ट

Healthy food will provide school college canteen fda food project
स्टूडेंट्स को मोटापा से बचाने एफडीए ने शुरु किया स्कूल-कॉलेज फूड प्रोजेक्ट
स्टूडेंट्स को मोटापा से बचाने एफडीए ने शुरु किया स्कूल-कॉलेज फूड प्रोजेक्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विद्यार्थियों को मोटापा और दूसरी बीमारियों से बचाने के लिए महाराष्ट्र अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) ने स्कूल-कॉलेज फूड प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसके तहत शैक्षणिक सत्र 2019-20 में राज्यभर के स्कूलों और कॉलेजों की कैंटीनों के मेनू में बदलाव किया जाएगा। जिससे विद्यार्थियों को संतुलित और सुरक्षित आहार मिल सके। साथ ही विद्यार्थियों, अभिभावकों और स्कूल कॉलेज प्रबंधन को हानिकारक खाद्यपदार्थों को लेकर जागरूक किया जाएगा। एफडीए की टीमें इस दौरान स्कूल, कॉलेजों में चलने वाली कैंटीनों का औचक निरीक्षण भी करेंगी।

राज्य की एफडीए आयुक्त डॉ पल्लवी दराडे ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए हम स्कूलों की कैंटीनों के मेनू में जरूरी बदलाव करवाएंगे जिससे छोटे बच्चों में लगातार बढ़ रही मोटापे की समस्या और दूसरी बीमारियों पर काबू पाया जा सके। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों का सेहतमंद रहना भी बेहद जरूरी है। दरअसल दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए देश के सभी स्कूलों में परिपूर्ण व पोषक आहार, अन्न सुरक्षा और स्वच्छता से जुड़े मानक तय किए थे। राज्य सरकार ने भी 3 मई को इसे आगामी शैक्षणिक सत्र से लागू करने के लिए मंजूरी दे दी है। जिसके बाद एफडीए ने इसे स्कूलों में लागू करने की रणनीति बनाई है। डॉ दराडे ने बताया कि फास्टफूड में ज्यादा वसा, शर्करा और नमक होता है, जिसके चलते बच्चों का तेजी से वजन बढ़ता है और वे ब्लड शुगर, मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। इसीलिए एफडीए ने ऐसा प्रोजेक्ट तैयार किया है जिसके तहत विद्यार्थियों को सेहतमंद, साफ और सुरक्षित खाद्यपदार्थ स्कूल, कॉलेज में मिल सके। इसके अलावा अभिभावकों को जागरूक किया जाएगा जिससे अगर से घर से टिफिन दे रहे हों तो उसमें भी मानकों के अनुरूप ही खाना हो। 

कैसे लागू होगा कार्यक्रम

•    मई- सभी स्कूलों, कॉलेजों के प्रिंसिपल, हेडमास्टर को खत लिखकर कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी दी गई।
•    जून-जुलाई- मेनू बनाने के लिए स्कूल/कालेजों में हेल्थ टीम का गठन जिसमें स्कूल प्रबंध, अभिभावक, विद्यार्थी, न्यूट्रिशनिस्ट, अन्न सुरक्षा अधिकारी होंगे।
•    अगस्त-सितंबर- नियमों के मुताबिक मेनू लागू होगा और शिक्षा संस्थान इस पर अपनी रिपोर्ट देंगे, साथ ही अन्न सुरक्षा से जुड़े अधिकारी स्कूल-कालेज का दौरा करेंगे।
•    अक्टूबर-नवंबर- सभी स्कूलों में वर्कशाप का आयोजन होगा जिसमें विद्यार्थियों, अभिभावकों से उनकी राय जानी जाएगी।
•    दिसंबर- एफडीए अधिकारी परियोजना का जायजा लेंगे और सुझाव, शिकायतों के आधार पर जरूरी कदम उठाएंगे।
•    दिसंबर के बाद-स्कूल कॉलेजों को नियमित तौर पर इस पर ध्यान देना होगा। एफडीए अधिकारी औचक निरीक्षण करेंगे।

Created On :   1 Jun 2019 10:37 AM IST

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