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बाढ़ को लेकर कार्रवाई की मांग को लेकर सरकार ले निर्णय - हाईकोर्ट
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डिजिटल डेस्क,मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है भारी बारिश के चलते कोल्हापुर व सांगली में पैदा हुई बाढ़ की स्थिति को लेकर जांच कर कार्रवाई करने अथवा नहीं करने का अधिकार सरकार का है। कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। सामाजिक कार्यकर्ता राव साहेब अलासे ने इस विषय पर अधिवक्ता धैर्यसील सुतार के मार्फत जनहित याचिका दायर की थी।
बांध का पानी छोड़ने से बिगड़े हालात
याचिका में दावा किया गया था कि बांध का पानी छोड़ने को लेकर नियमों का पालन नहीं किया गया है। जिसके चलते बाढ़ जैसे हालात पैदा हुए हैं। इसलिए इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया जाए। क्योंकि बाढ़ के दौरान प्रशासकीय अधिकारियों के बीच समन्वय का काफी अभाव नजर आया है, जिससे लोगों को काफी परेशानी व नुकसान हुआ है। इसलिए बाढ़ ग्रस्त लोगों को कर्नाटक की तरह नुकसान भरपाई का आदेश दिया जाए।
मौसम विभाग की चेतावनी को नजरअंदाज करने का आरोप
याचिका में दावा किया गया था कि राज्य के सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बारिश को लेकर मौसम विभाग की ओर से दी गई चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा अलमट्टी बांध से जुड़े अधिकारियों से भी समनव्य नहीं रखा गया। जिसके चलते भारी बारिश के बीच बांध का बहुत सारा पानी छोड़ा गया और बाढ़ की स्थिति पैदा हुई। याचिका में कहा गया है कि स्थानीय महानगरपालिका भी भवन निर्माताओं पर निर्माण कार्य को लेकर लगाम नहीं लगा रही है। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि बाढ़ के मामले में अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करना अथवा उनके खिलाफ कार्रवाई करना है या नहीं यह सरकार का काम है। खंडपीठ ने कहा कि सरकार इस याचिका को याचिकाकर्ता के निवेदन के रूप में स्वीकार करे और याचिका में उठाए गए मुद्दों के बारे में निर्णय ले। यह कहते हुए खंडपीठ ने याचिका को समाप्त कर दिया।
Created On :   11 Sept 2019 6:08 PM IST