अगले 24 घंटे में अच्छी बारिश के आसार, ग्वारीघाट में अभी से बढऩे लगा जलस्तर

Good rain expected in next 24 hours, water level started rising in Gwarighat
अगले 24 घंटे में अच्छी बारिश के आसार, ग्वारीघाट में अभी से बढऩे लगा जलस्तर
अगले 24 घंटे में अच्छी बारिश के आसार, ग्वारीघाट में अभी से बढऩे लगा जलस्तर



डिजिटल डेस्क जबलपुर। पिछले साल के मुकाबले इस बार मानसून की गति काफी तेज है। ऊपरी इलाकों में गत चार से पाँच दिनों की बारिश में ही ग्वारीघाट का स्तर बढ़ा हुआ नजर आने लगा है। बढ़े हुए जल स्तर का विहंगम स्वरूप को देखने के लिए शहरवासी नर्मदा तटों जैसे की ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, सरस्वती घाट व पंचवटी घाट तक सहित गौर के रास्ते बनाए गए नए पुल पर पहुँच रहे हैं। यदि बात बरगी डैम की करें तो यहाँ गत 5 दिनों की बारिश में तकरीबन 6 इंच पानी बढ़ चुका है। 11 जून की शाम को डैम का न्यूनतम जलस्तर 414.70 मीटर दर्ज किया गया था जो 15 जून की शाम को बढ़कर 414.85 मीटर पर पहुँच गया। डैम में पानी की आवक की वजह कैचमेंट एरिया जैसे की मंडला, िडण्डौरी, मुक्की, मनोट आदि स्थानों में अच्छी बारिश होना है।
ऐसा रहा जिले का तापमान-
 बुधवार को जिले का अधिकतम तापमान सामान्य से 6 डिग्री कम 30.7 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 23.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। आद्र्रता का प्रतिशत 93 रहा। बीते 24 घंटे में 10.4 मिमी बारिश हुई, इससे अब तक की बारिश का कुल आँकड़ा 68.7 मिमी पहुँच चुका है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान-
 संभाग के जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा या गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। इस दौरान दक्षिण-पश्चिम हवाएँ 5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं। प्रदेश में सर्वाधिक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस खरगोन एवं दतिया में रिकॉर्ड िकया गया।
बदले मौसम की ये हैं वजह-
 मौसम विभाग कार्यालय के प्रभारी अधिकारी बीजू जॉन जैकब के अनुसार पूर्वी यूपी, और बिहार के ऊपर चक्रवाती प्रवाह होने व राजस्थान से लेकर बंगाल के रास्ते एक ट्रफ लाइन बनने से शहर में अच्छी बारिश के आसार बन रहे हैं।
जबलपुर व आसपास के क्षेत्रों में कहाँ कितनी बारिश

सिटी- 10.4
सिहोरा- 40 मिमी
मझौली- 26.2 मिमी
पनागर- 24.5 मिमी
कुंडम- 21.2 मिमी
बरेला- 20 मिमी
बरगी- 1.3 िममी
ग्रीष्मकालीन फसलों को नुकसान-
 बारिश के कारण कट चुकी ग्रीष्मकालीन फसलों मूँग व उड़द को नुकसान पहुँचने की संभावना है। किसान फसलों को नुकसान होने से बचाने हेतु सुरक्षित स्थानों पर रखें।

Created On :   16 Jun 2021 10:10 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story