धान की मिलिंंग प्रक्रिया अटकने से गोदाम हाऊसफुल, खुले आसमां के नीचे हो रही खरीदी

Godown Housefull due to stalling of milling process of paddy
धान की मिलिंंग प्रक्रिया अटकने से गोदाम हाऊसफुल, खुले आसमां के नीचे हो रही खरीदी
भंडारा धान की मिलिंंग प्रक्रिया अटकने से गोदाम हाऊसफुल, खुले आसमां के नीचे हो रही खरीदी

डिजिटल डेस्क, भंडारा। नवंबर माह से धान खरीदी केंद्र शुरू होने पर भी, अभी तक जिले में मिलिंग के लिए डीओ की व्यवस्था न होने पर गोदाम हाऊसफुल है। धान खरीदी की आखिरी तिथि 31 जनवरी है। 31 जनवरी धान खरीदी का आखिरी दिन होने पर भी जिले में कई जगहों पर धान खरीदी होने की है। किसानों के हितों को आगे रख खुले मैदान में धान खरीदी सेवा सहकारी संस्था पालांदुर के तहत शुरू है। खुले आसमान के नीचे धान खरीदी समर्थन मू्ल्य केंद्रों पर खतरे की घंटी लग रही है। मिलिंग की प्रक्रिया शुरू होना अत्यंत आवश्यक है। जिले में पणन कार्यालय की कार्यशैली पर सवाल उठते आए है। धान खरीदी होकर करीबन तीन माह होने पर भी मिलिंग की निति अंगीकृत न होने पर खरीदी केंद्रों की समस्या बढ़ रही है। जितना इंतजार मिलिंग को लगेगा उतनी हानि समर्थन मूल्य धान खरीदी केंद्रों को सहन करनी पड़ेगी। यह सरल गणित सभी को पता होकर भी अन्न व प्रक्रिया विभाग को पता ही नहीं।

67 प्रतिशत की शर्त से नुकसान

जिला पणन कार्यालय को अपने अधिकार से मिलिंग कर कितना प्रतिशत चावल निकालता है इसका अभ्यास करना आवश्यक है। संबंधित धान मिल मालिकों को उसके प्रमाण से धान के बदले चावल देना बंधनकारक करना जरूरी है। ऐसा होने पर प्रतिवर्ष मौसम के अनुसार धान की मिलिंग ध्यान में लेकर मिलर्स की ओर से उस प्रमाण में चावल स्वीकारने की नीति स्पष्ट होगी। परंतु ऐसा न होकर केवल 67 प्रतिशत चावल अपेक्षित होने की नीति से प्रतिवर्ष मिलिंग मालकों पर मुसीबतें आती है। मिलर्स को 67 प्रतिशत चावल देना  अनिवार्य होने से खुले बाजार से चावल खरीदी कर कमी पूर्ण की जाती है। चावल का केमिकल टेस्ट कर वह किस परिसर का है। इस सवाल का जवाब मिलने तक डीओ की व्यवस्था को समस्या समझा जा रहा है। इस कारण नए मौसम में मिलिंग नीति खतरे में होने की चर्चा है।

 

Created On :   1 Feb 2022 7:15 PM IST

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