जरूरतमंदों के साथ बांट रहे खुशियां... बच्चों को दे रहे १०० साइकिलें, ताकि वे अपने भविष्य का सफर तय कर सकें

Giving 100 cycles to children so that they can travel for their future
जरूरतमंदों के साथ बांट रहे खुशियां... बच्चों को दे रहे १०० साइकिलें, ताकि वे अपने भविष्य का सफर तय कर सकें
छिंदवाड़ा जरूरतमंदों के साथ बांट रहे खुशियां... बच्चों को दे रहे १०० साइकिलें, ताकि वे अपने भविष्य का सफर तय कर सकें

डिजिटल डेस्कत, छिंदवाड़ा। आमतौर पर सक्षम परिवार अपनों के जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ या खुशियों के अन्य अवसरों को धूमधाम से मनाते हैं, लेकिन अब सोच बदल रही है। इसका बड़ा उदाहरण शहर के प्रतिष्ठित पाटनी परिवार में देखने को मिल रहा है। व्यवसायी अभिषेक पाटनी अपने पिता महेंद्र कुमार पाटनी के ७८ वें जन्मदिन पर पार्टी या समारोह में खर्च के बजाए परिवार की खुशियां जरूरतमंदों में बांट रहे हैं। वे १०० जरूरतमंद स्कूली बच्चों को साइकिलें भेंट कर रहे हैं, ताकि बच्चों का स्कूल का सफर आसान हो सके और वे पढ़ लिखकर अपना भविष्य संवार सकें। कक्षा ८ वीं से १२ वीं तक के जरुरतमंद बच्चों को वे साइकिल उपलब्ध करा रहे हैं।
छात्राओं को पैदल जाते देखा तो आया विचार:
व्यवसायी अभिषेक पाटनी के मुताबिक करीब महीनाभर पहले परिवार के साथ घूमने निकले थे। तभी सिमरिया गांव के पास उन्हें कुछ छात्राएं पैदल जाते दिखीं। अभिषेक ने छात्राओं के पास पहुंचकर अपनी कार रोकी। पत्नी चांदनी पाटनी ने छात्राओं से पूछा कि पैदल ही स्कूल जाते हो। तब छात्राओं ने बताया कि वे रोज इसी तरह दो किमी तक पैदल ही जाती हैं। तुरंत ही उनसे पूछा कि क्या हम आपको साइकिल देंगे तो आप चलाएंगी। छात्राएं चहककर तैयार हो गईं। लौटकर परिवार के सभी सदस्यों से साइकिल बांटने पर चर्चा की तो सभी ने सराहना करते हुए हौसला बढ़ाया। पहले सोचा था पिता के ७८ वें जन्मदिन पर ७८ साइकिलें बांटेंगे, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर  संख्या सौ कर दी है। इसमें ७० फीसदी छात्राओं और ३० फीसदी छात्रों को साइकिल दे रहे हैं। जरूरत पड़ी तो और भी साइकिलें देंगे।
३८ सौ रुपए एक साइकिल का खर्च:
जरुरतमंद छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराई जा रही १ साइकिल की कीमत ३८ सौ रुपए है। साइकिल पूरी तरह से कंपलीट होगी। लड़कियों की साइकिलों में सामने बॉस्केट, कैरियर और घंटी सहित सभी एसेसरीज होगी। श्री पाटनी के मुताबिक वे ऐसी साइकिल नहीं देना चाहते जिसमें जरुरतमंद विद्यार्थियों को कमी महसूस हो और बाद में उन्हें खर्च करना पड़े। इसलिए पूरी तरह से कंपलीट साइकिल भेंट कर रहे हैं। इसके लिए जल्द ही वे एक समारोह करने जा रहे हैं।
उनकी ये पहल भी प्रेरणादायी:
१. कोविड कॉल से मरीजों को मुफ्त एम्बुलेंस सेवा दे रहे:
अभिषेक ग्रुप कोविड काल से शहर में मरीजों को मुफ्त एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध करवा रहा है। कोविड काल में एंंबुलेंस की मारामारी को देखते हुए अभिषेक पाटनी ने उक्त सेवा शुरू की थी। एम्बुलेंस में डीजल, ड्राइवर समेत मरीज को शिफ्ट करने का पूरा खर्च वे ही उठाते हैं। अब तक १८३ मरीजों को एम्बुलेंस सेवा दी गई है। डॉक्टर की रिकमंड के आधार पर उनकी  एम्बुलेंस मरीजों को लेकर नागपुर, जबलपुर और भोपाल तक दौड़ लगा रही है। फोन नंबर ८२२६००६८८३ डायल कर मुफ्त एंबुलेंस सेवा ली जा सकती है।
२. स्टॉफ मेंबर की बेटियों की ५ साल की पढ़ाई का खर्च उठा रहे:
अभिषेक गु्रप ने एक और बड़ी पहल की है। चर्चा में अभिषेक पाटनी ने बताया कि उनके ग्रुप में ५१० कर्मचारी हैं। इनमें जो कर्मचारी १० साल तक की सेवाएं ग्रुप के साथ दे चुके हैं इन कर्मचारियों की बेटियों की ५ साल तक की पढ़ाई का खर्च वे ही उठा रहे हैं। टीवीएस, हुण्डई, किया और रैनो कार के डीलर अभिषेक बताते हैं कि कर्मचारी बच्चों की फीस जमा करने के लिए अक्सर एडवांस मांगते हैं। कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जो एडवांस राशि का दूसरे ही खर्च में उपयोग कर लेते हैं। इसलिए अब वे खुद ही बेटियों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं।

Created On :   29 Aug 2022 5:25 PM IST

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