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वन नेशन वन राशन कार्ड के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ जारी करने के लिए नए कार्ड छपवाने का कॉन्ट्रेक्ट देने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड किया है। इस गिरोह के जाल में फंसने वाले महाराष्ट्र के रहने वाले पीडित की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने रांची के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए पुलिस 24 घंटे के भीतर ही इन आरोपियों को राजधानी में ही धरदबोचा। राज्यमंत्री दानवे ने मंगलवार को कृषि भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मामले के बारे में विस्तृत रुप से जानकारी दी। इस दौरान दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी भी मौजूद थे, जिन्होंने इस मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी दी। राज्यमंत्री दानवे ने स्पष्ट किया कि वन नेशन वन राशन कार्ड (इलेक्ट्रॉनिक पोर्टेबिलिटी कार्ड) योजना के तहत लोगों को नए कार्ड नही दिए जा रहे है और ना ही ऐसी कोई योजना है। उपभोक्ता किसी भी राज्य में अपने पुराने राशन कार्ड के जरिए ही वहां भी खाद्यान्न प्राप्त कर सकता है। इसके बावजूद फर्जी तरीके से कुछ लोगों ने देशभर में नए कार्ड छपवाने के कॉन्ट्रेक्ट नाम पर ठगी करना शुरु कर दिया। उन्होंने बताया कि नए कार्ड प्रिंट कराने का ठेका देने के नाम पर कई राज्यों से लोगों से लाखों रुपए वसूलने की मंत्रालय को लगातार शिकायते मिल रही थीं।
दानवे ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान भी संसद में स्पष्ट कर चुके है कि सरकार किसी तरह का कोई नया राशन कार्ड नही छपवा रहीं है। उन्होंने बताया कि इस तरह की मंत्रालय को अब तक सौ से अधिक लोगों ने शिकायत की है। ठगों के पास फर्जी दस्तावेज, विजिटिंग कार्ड और कथित नया राशन कार्ड के नमूने देकर लोगों को फंसाते है। उन्होंने बताया कि सोमवार को महाराष्ट्र के कुछ लोग उनके घर आए और उनके साथ हुई ठगी की सूचना दी।
दिल्ली पुलिस के डीसीपी ईश सिंघल ने गिरफ्तार अभियुक्तों के बारे में बताया कि प्रत्युश कुमार राणा पूरे मामले का मास्टर माइंड है। पांच सदस्यों में से दो को कल ही राजधानी में पकड़ लिया गया है। यह सभी झारखंड के रांची के रहने वाले है। उन्होने बताया कि यह गिरोह जिलावार टेंडर देने के नाम पर वसूली कर रहा था। डीसीपी ने बताया कि शिकायतकर्ता महाराष्ट्र के रहने वाले भागवत साहेबराव वयाल ने इस मामले में राज्यमंत्री दानवे को इसकी सूचना दी थी, जिसके आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरु की गई थी।
उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता को उनके एक मित्र संजय सालिग्राम कोचे ने बताया था कि महाराष्ट्र में कार्ड छपवाने का छेका तीन कंपनियों को दिया है, जिसका खुदरा ठेका अन्य लोगों को दिया जाने वाला है। आरोपियों ने कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए वयाल से 10 लाख रुपये लिए थे। इस कॉन्ट्रेक्टर के दस्तावेज लेने के लिए आरोपियों ने उन्हें रांची भी बुलाया था। वास्तविक दस्तावेज की मांग करने पर आरोपियों द्वारा नहीं दिखाए जाने पर शिकायतकर्ता को मामला समझ में आया कि उनके साथ धोखा हुआ है। लेकिन बात बिगड़ते देख 10 लाख में से 3.5 लाख रुपये वापस भी कर दिए गए।
Created On :   3 March 2020 9:27 PM IST