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फ्रंटलाइन वर्कर, संविदा कर्मियों के बाद आयुष चिकित्सक भी हड़ताल पर
-संविदा संविलियन और उचित वेतनमान को लेकर अस्थाई कोविड चिकित्सक ने भी शुरू की हड़ताल, सैंपलिंग सहित अन्य सेवाओं पर पड़ा असर
डिजिटल डेस्क बालाघाट। बतौर फ्रंटलाइन वर्कर संक्रमण के दौर में अपनी परवाह किए बिना चिकित्सकीय धर्म निभाने वाले स्वास्थ्यकर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। 24 मई से जिलेभर के 500 संविदा स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर हैं। इसके बाद 25 मई से जिले के 100 अस्थाई कोविड चिकित्सक (आयुष डॉक्टर), पैरामेडिकल स्टाफ और स्टाफ नर्सां ने संविदा संविलियन और उचित वेतनमान की मांग को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। जिला अस्पताल सहित जिलेभर के सिविल अस्पतालों, सामुदायिक-प्राथमिक व उप स्वास्थ्य केंद्रों में इसका असर दिखाई दिया। कई केंद्रों में ताले जड़े मिले। चिकित्सा अधिकारी, एएनएम सहित अन्य स्टाफ केंद्र से नदारद रहा, जिसके कारण मरीज और उनके परिजनों को परेशान होना पड़ा। डाबरी, पितकोना, मछुरदा, घुमुर सहित कई स्वास्थ्य केंद्रों पर संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से टीकाकरण, प्रसव कार्य आदि प्रभावित हुए। वहीं, अस्थाई कोविड चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने से जिले में सैंपलिंग पर असर पड़ा। साथ ही कोविड केयर सेंटर में डॉक्टरों की सेवाएं, किल कोरोना अभियान सहित कोविड-19 से जुड़ी सभी सेवाएं प्रभावित हुईं।
ज्ञापन सौंप रखी दो सूत्रीय मांग-
अस्थाई कोविड स्वास्थ्यकर्मियों ने मंगलवार को भाजपा जिला अध्यक्ष व पूर्व विधायक रमेश भटेरे को ज्ञापन सौंपा। हड़ताल पर जाने से पहले सोमवार को आयुष चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम कलेक्टर दीपक आर्य को ज्ञापन सौंपा था। हालांकि, प्रशासनिक व स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि संविदा व आयुष चिकित्सकों की उक्त मांगों का निराकरण शासन स्तर का विषय है।
केंद्र बंद देख वापस लौटे मरीज-
स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल का असर ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा देखने मिला। बैहर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले मुरेण्डा उपस्वास्थ्य केंद्र में सुबह से मेन गेट पर ताला लगा था। मुरेण्डा निवासी मिलकितराम उइके ने बताया कि हड़ताल के कारण कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा। कई ग्रामीण केंद्र बंद देख वापस लौट गए, तो कुछ लोगों ने गांव के ही डॉक्टर से इलाज कराना मुनासिब समझा। हड़ताल का यही आलम आमानाला, भानेगांव, लातरी आदि गांवों के उप स्वास्थ्य केंद्रों में भी दिखाई दिया, जहां स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह प्रभावित रहीं।
नियमित कर्मचारियों की ली मदद-
पहले संविदा स्वास्थ्य कर्मी फिर अस्थाई कोविड चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने से जिले की स्वास्थ्य सेवाएं लडखड़़ा गई हैं। जानकारी के अनुसार, जिले में बने 14 फीवर क्लीनिक में सैंपलिंग के काम पर भी असर हुआ है। एक दिन पहले जहां जिलेभर से 1200 से अधिक जांच हुई थी, वहीं मंगलवार को 800 के करीब सैंपलिंग होना बताया गया है। इसके अलावा विभाग ने कोविड अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के इलाज के लिए नियमित स्टाफ व निजी चिकित्सकों की सेवाएं लीं।
केस-1
मेंढकी में रहने वाले संतोष बिसेन सुबह 11 बजे टीका का पहला डोज लगाने उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। यहां मेन गेट में जड़े ताले को देखकर लगा कि आज टीकाकरण कार्यक्रम नहीं होगा। आसपास पूछने पर पता चला कि स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर हैं।
केस-2
ग्राम नवेगांव में रहने वाले यूनेश बिसेन कोविड जांच कराने सिविल अस्पताल वारासिवनी पहुंचे। काफी देर तक जांच नहीं होने पर संतोष को हड़ताल के बारे में पता चला। कुछ समय बाद वे बिना जांच कराए ही घर लौट गए।
भांजे-भांजियों की मांग पूरी करें मामाजी
एसएनसीयू डिपार्टमेंट में बतौर स्टाफ नर्स सीमा दीक्षित ने बताया कि हम कोरोना काल में शुरू से अब तक अपना फर्ज निभाते आए हैं। मैं स्वयं कोरोना संक्रमित हो गई थी, लेकिन स्वस्थ्य होने के बाद दोबारा अपने काम पर लौट आई। हम नहीं चाहते कि इस संकट में हड़ताल कर काम बंद रखें, लेकिन हमारी मांगों पर अब तक विचार नहीं किया गया है। उम्मीद है कि प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान यानी मामा हम भांजे-भांजियों की मांग पूरी करेंगे।
फैक्ट फाइल
- जिलेभर में 500 संविदा स्वास्थ्यकर्मी हैं। इनमें बालाघाट जिला अस्पताल में 100 कर्मी पदस्थ हैं।
- जिलेभर में 100 अस्थाई कोविड चिकित्सक, पैरामेडिकल और स्टाफ नर्स हैं। इनमें बालाघाट में लगभग 50 कर्मी कार्यरत हैं।
- संविदा स्वास्थ्य कर्मियों में एसएनसीयू स्टाफ, एएनएम, चिकित्सक, टीबी, मलेरिया विभाग, लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, एलडीसी कर्मचारी हैं।
- अस्थाई कोविड स्वास्थ्यकर्मियों में आयुष चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, लैब टेक्निशियन, स्टाफ नर्स शामिल हैं।
मांग पूरे होने तक जारी रहेगी हड़ताल
कोविड-19 आयुष चिकित्सक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अंकित असाटी ने बताया कि हम सभी पिछले एक वर्ष से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, फीवर क्लीनिक, कोरोना सैंपलिंग, कोविड केयर सेंटर, जिले में डेडिकेटेड कोविड सेंटर, जिला कोविड कंट्रोल एवं कमांड कॉल सेंटर, कोविड अस्पताल सभी जगह पर अपनी जान जोखिम में डालकर पॉजिटिव मरीजों की सेवा कर रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा सभी अस्थाई चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। जब तक मांगे पूरी नहीं होती तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
Created On :   25 May 2021 10:40 PM IST