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टॉवर आंदोलन का चौथा दिन: आंधी और बारिश में भी नीचे नहीं उतरे किसान
डिजिटल डेस्क,सतना। मुआवजे की मांग को लेकर हाईटेंशन लाइन के टॉवरों पर चढ़े 11 किसान चौथे दिन भी नहीं उतरे। सोमवार को दोपहर के बाद अचानक आंधी के साथ तेज बारिश में भी उनका इरादा कमजोर नहीं पडा। तमाम मुश्किलों के बाद भी सभी लोग मचानों पर ही जमे रहे, तो उनके समर्थन में परिजन और अन्य ग्रामीण नीचे टेंट लगाकर विरोध जता रहे थे। प्रशासन की तरफ से उचेहरा एसडीएम हेमकरण धुर्वे और तहसीलदार अजयराज सिंह ने अतरवेदिया जाकर एक बार फिर समझाने का प्रयास किया, मगर ग्रामीणजन रुपए मिलने के बाद ही धरना-प्रदर्शन खत्म करने की बात पर अड़े रहे। वहीं मौके पर नागौद टीआई राजेन्द्र मिश्रा और उचेहरा टीआई डीआर शर्मा भी अपने-अपने जवानों के साथ पूरे समय बने रहे। वहीं शाम के समय एएसपी सुरेन्द्र जैन और एसडीओपी मोहित यादव भी अतरवेदिया पहुंचे, मगर बात नहीं बनी।
सर्वे का काम जारी ---
इस बीच उचेहरा तहसील से निकली सभी 6 टॉवर लाइनों के लिए अधिग्रहित की गई जमीनों और मुआवजा राशि के वितरण का सत्यापन करने के लिए 65 पटवारियों की टीम दूसरे दिन भी सर्वे पर लगी रही। खराब मौसम के कारण राजस्व अमले को काफी दिक्कतों का सामना करना पडा।
क्या है मामला ---
गौरतलब है कि वर्ष 2014-15 में पॉवर ग्रिड ने हाईटेंशन लाइन निकालने के लिए किसानों के खेतों में टॉवर लगाए थे, मगर तब मुआवजा देने में जमकर मनमानी की गई। इसी बात से नाराज किसान तभी से विरोध प्रदर्शन करते आ रहे हैं। वर्ष 2017 में तत्कालीन कलेक्टर संतोष मिश्रा ने 12 लाख प्रति टॉवर एवं प्रति मीटर तार के लिए 3 हजार मुआवजा निर्धारित किया था, जिसके खिलाफ पॉवर ग्रिड प्रबंधन हाईकोर्ट चला गया और स्टे हासिल कर लिया। तब से इस दिशा में शासन की तरफ से कोई पहल नहीं हुई और किसान भी अपने हक के लिए इंतजार करते रह गए। अंतत: जब सब्र का बांध टूट गया तो 20 मई को एक बार फिर 11 किसान टॉवरों पर चढ़कर बैठ गए।
Created On :   24 May 2022 5:52 PM IST