हिंगणा में राकांपा को किलर के सहारे संजीवनी पाने की आस,पूर्व विधायक घोडमारे ने लिया प्रवेश

Former bjp mla vijay ghodmare joined sharad pawar party ncp
हिंगणा में राकांपा को किलर के सहारे संजीवनी पाने की आस,पूर्व विधायक घोडमारे ने लिया प्रवेश
हिंगणा में राकांपा को किलर के सहारे संजीवनी पाने की आस,पूर्व विधायक घोडमारे ने लिया प्रवेश

डिजिटल डेस्क,नागपुर। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जिले में अपने किलर के सहारे ही संजीवनी पानी की आस में हैं। राकांपा के नेता रमेश बंग को मंत्री रहते हुए विधानसभा चुनाव में पछाड़नेवाले भाजपा नेता विजय घोडमारे को राकांपा में शामिल कर लिया गया है। शनिवार को मुंबई में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने अपने आवास पर घोडमारे का दुपट्टा देकर पार्टी में प्रवेश कराया। घोडमारे के साथ रमेश बंग व राकांपा जिला ग्रामीण के कार्याध्यक्ष राजाभाऊ टाकसाले उपस्थित थे।

गौरतलब है कि विजय घोडमारे जिले की उपनगरीय हिंगणा विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। ग्राम पंचायत से लेकर जिला परिषद की राजनीति में भी घोडमारे का प्रभाव रहा है। वे जिला परिषद के पदाधिकारी रहे हैं। हिंगणा क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयां अधिक रही है। रमेश बंग का इस क्षेत्र में लंबे समय से राजनीतिक प्रभाव रहा है । राज्य में वे दो बार केबिनेट मंत्री रहे हैं। कांग्रेस राकांपा गठबंधन के तहत जिले में 12 में से 2 सीटों पर राकांपा को विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका मिलता रहा है। काटोल सीट से जीतते रहे अनिल देशमुख भी मंत्री रहे हैं। रमेश बंग हिंगणा से जीतते रहे हैं। 2009 के विधानसभा चुनाव में रमेश बंग के मुकाबले में भाजपा ने विजय घोडमारे को उतारा था। तब बंग खाद्य आपूर्ति मंत्री भी थे। घोडमारे ने 700 मतों के अंतर से बंग को पराजित किया था।

जिले की राजनीति में सहकार नेता बाबासाहब केदार के सहयोगी के तौर पर गहरी पैठ बना चुके बंग लगातार 3 बार विधानसभा चुनाव जीते थे। उनकी पराजय राकांपा व कांग्रेस को गहरा झटका दे गई। भाजपा में घाेडमारे का राजनीतिक उदय हुआ। सामान्य कार्यकर्ता की भूमिका में वे भी अपना प्रभाव बढ़ाने लगे थे। लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी से ही झटका मिल गया। भाजपा ने उनके बजाय समीर मेघे को हिंगणा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया। मेघे परिवार का नागपुर ही नहीं राज्य की राजनीति में प्रभाव रहा है। समीर मेघे के पिता दत्ता मेघे कांग्रेस व राकांपा के बड़े नेता रहे हैं। शरद पवार के करीबी के तौर पर भी उनकी पहचान रही है।

2014 में लोकसभा चुनाव में वर्धा सीट पर पराजय के बाद मेघे परिवार भाजपा में शामिल हो गए। समीर मेघे को एकाएक भाजपा उम्मीदवार बनाए जाने से घोडमारे ही नहीं भाजपा के ही कई नेता हैरान होकर रह गए। विधानसभा चुनाव में राकांपा की ओर से रमेश बंग उतारे गए। उन्हें समीर मेघे ने 23 हजार मतों के अंतर से पराजित कर दिया। उसके बाद बंग व घोडमारे के बीच करीबी बढ़ती गई। मेघे परिवार की राजनीति को हिंगणा में चुनाैती देने के लिए दोनों ने कार्यकर्ताओं से संपर्क शुरु किया है। अक्टूबर में होनेवाले विधानसभा चुनाव में इन दोनों नेताओं का प्रभाव देखा जाएगा। राकांपा में फिलहाल पार्टी छोड़ने का सिलसिला सा चल पड़ा है। राकांपा के सांसद, पूर्वमंत्री, पूर्व विधायक अन्य पार्टी में जा रहे हैं ऐसे में घोडमारे का प्रवेश राकांपा के लिए खुशी का विषय हो सकता है। 

Created On :   14 Sept 2019 6:10 PM IST

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