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चित्रकूट में उफान पर मंदाकिनी - मझधार में फंसे बुजुर्ग को रेस्क्यू कर होमगाड्रस ने बचाया
डिजिटल डेस्क,सतना। अब तक झमाझम बारिश में फिसड्डी रहे जिले के बिरसिंहपुर और मझगवां तहसील क्षेत्र में 24 घंटे के दौरान तकरीबन साढ़े 5 इंच बारिश के कारण चित्रकूट की मंदाकिनी नदी उफान पर आ गई है। नयागांव के थाना प्रभारी संतोष तिवारी ने बताया कि बुधवार की सुबह 11 बजे मंदाकिनी का जल स्तर अचानक बढ़मे से प्रमोद वन में एक बुजुर्ग विजय सिंह मझधार में फंस गए। उन्होंने बचाव के लिए एक ऊंचे दरख्त की मदद ली और उसी की एक डाल से लटक गए। खबर मिलने पर होमगार्ड की रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा गया। रस्सी से बांधकर रिंग और जैकेट नदी में फेंके गए। धीरे-धीरे रस्सी से खींच कर बुजुर्ग को सही सलामत पानी से निकाला गया।
टूट गई नाव
थाना प्रभारी संतोष तिवारी ने बताया कि सबसे पहले लकड़ी की नाव नदी में उतारी गई, लेकिन बहाव इतना तेज था कि नाव टूट गई। इसके बाद रेस्क्यू शुरू किया गया। तेज बहाव में फंसे बुजुर्ग विजय सिंह को बचाने में होमगार्ड से अमानत खान, स्वामीदीन के साथ दो अन्य युवकों ने सराहनीय भूमिका निभाई।
4 युवकों को पुरस्कृत करेगा सदगुरू सेवा संघ
मंदाकिनी नदी की मझधार में फंसे बुजुर्ग को बचाने में जान की बाजी लगाकर अहम भूमिका निभाने वाले 4 युवकों चुन्नू केवट, अरविंद कुमार, अशोक कुमार और श्याम को सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट के डाक्टर वीके जैन ने 25-25 सौ के नकद पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है। उधर चित्रकूट नगर पंचायत के सीएमओ रमाकांत शुक्ला ने बताया कि वस्तुस्थिति से तत्काल कलेक्टर डा.सतेन्द्र सिंह को अवगत कराया गया और उनका निर्देश मिलते ही होमगार्डस की टीम फौरन सक्रिय हो गई।
खदान में डूबने से बालिका की मौत
कोलगवां थाना क्षेत्र की बाबूपुर चौकी अंतर्गत खदान में डूबने से बालिका की मौत हो गई। पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सीता कोल पिता लल्लू कोल 17 वर्ष निवासी सगमनिया बुधवार को सुबह बड़ी बहन नीलम के साथ नित्यक्रिया के लिए गई थी, तभी पैर फिसलने से सीता खदान में गिर गई। सीता को पानी में गिरते देख बड़ी बहन नीलम शोर करते हुए घर की ओर भागी। आवाज सुनकर सीता के पिता और पड़ोसी भागते हुए आए और खदान में छलांग लगाकर उसे बाहर निकाला, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बताया गया है कि खदान मृतका के घर से तकरीबन एक किलोमीटर दूर थी, जिससे लोगों को खदान तक आने में वक्त लग गया।
Created On :   22 Aug 2019 7:50 AM GMT