बोरवेल में गिरे पांच साल के बच्चे को 7 घंटे चले रेस्क्यू के बाद सुरक्षित निकाला 

Five-year-old boy who fell in borewell was rescued after 7 hours of rescue
बोरवेल में गिरे पांच साल के बच्चे को 7 घंटे चले रेस्क्यू के बाद सुरक्षित निकाला 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्चे की मां से फोन पर की बात बोरवेल में गिरे पांच साल के बच्चे को 7 घंटे चले रेस्क्यू के बाद सुरक्षित निकाला 

डिजिटल डेस्क,छतरपुर। शहर से सटे पठापुर गांव के समीप खुले बोरवेल में एक पांच साल का बच्चा खेलते हुए गिर गया था। बुधवार को दोपहर में हुई घटना के बाद स्थानीय प्रशासन, एसडीईआरएफ व सेना की टीम ने लगभग सात घंटे की मशक्कत के बाद रात करीब दस बजे बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लगभग 100 फीट गहरे बोरवेल में बच्चा दीपेंद्र यादव लगभग 24 फीट की गहराई में फंसा था। बोरवेल में बच्चे के गिरने की घटना पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार नजर बनाए रहे। उन्होंने प्रमुख सचिव व कलेक्टर से बातकर हरसंभव उपाय कर बच्चे को बचाने के निर्देश दिए,वहीं दीपेंद्र की मां रश्मि से बातकर परिवार को ढांढस बंधाया।

जानकारी के अनुसार पठापुर गांव निवासी रमेश यादव के खेत में बुवाई का कार्य चल रहा था। बुधवार को रमेश का पोता दीपेंद्र पुत्र अखिलेश यादव भी परिवार के साथ खेत पर आ गया। यहां दीपेंद्र अपने भाई-बहन मोहनेश और अंकिता के साथ ही खेल रहा था। जब दोपहर में एक बजे सभी लोग भोजन करने बैठे तो पता चला कि दीपेंद्र साथ में नहीं है। फिर उसकी तलाश शुरू हुई। पास में स्थित खुले बोरवेल में आवाज दी तो पता चला कि दीपेंद्र उसमें गिर गया है। इसके बाद आनन-फानन में ओरछा रोड थाना पुलिस को सूचना दी गई। प्रशासन की टीम ने पहुंचकर लगभग 3 बजे जेसीबी से खुदाई प्रारंभ कर दी। कलेक्टर संदीप जीआर इस रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग करते रहे। शाम तक तीन जेसीबी मशीनों की मदद से 23 फीट तक खुदाई पूरी हो चुकी थी। 30 फीट की खुदाई के बाद सुरंग बनाने के काम में समय लगना था। इस कारण प्रशासन बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए वैकल्पिक उपायों पर भी लगातार कार्य कर रहा था।

कमर में रस्सी बांधकर निकाला, सफल रहा प्रयोग-

एसडीईआरएफ की टीम ने बताया कि बोरवेल में गिरे बच्चे का रिस्पांस अच्छा था। इस कारण  बोरवेल में दो रस्सी डालकर बच्चे को एक रस्सी हाथ में और दूसरी कंधे में बांधने की समझाइश दी गई। बच्चे ने दोनों रस्सियां ठीक वैसे की बांध लीं, जैसा उसे कहा गया था। इसके बाद जब रेस्क्यू टीम आश्वस्त हो गई कि बच्चे को कोई नुकसान नहीं होगा, तो फिर उसे धीरे-धीरे ऊपर ख्रींचने का काम शुरू किया। इसके बाद रात लगभग दस बजे बच्चे को सुरक्षित ढंग से बाहर निकाल लिया गया। बच्चे के बाहर निकलते ही कलेक्टर संदीप जीआर, एसपी सचिन शर्मा उसे एंबुलेंस में लेकर जिला अस्पताल रवाना हो गए। सिविल सर्जन डाॅ. जीएल अहिरवार ने बताया कि दीपेंद्र स्वस्थ है। 

तेज बारिश से भी प्रभावित हुआ रेस्क्यू, लोगों ने बोरवेल में नहीं जाने दिया पानी-

इससे पहले एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंचकर बोरवेल में कैमरा डाल दिया। इससे बच्चे की गतिविधियों को लगातार मॉनिटर किया जा रहा था। अधिकारियों एवं परिवार के सदस्यों के बात करने पर बच्चा रिस्पांस भी देता रहा। बोरवेल में सिलेंडर से लगातार ऑक्सीजन सप्लाई दी जाती रही। हालांकि दोपहर में हुई तेज बारिश से रेस्क्यू ऑपरेशन कुछ देर प्रभावित भी रहा। लेकिन स्थानीय लोगों ने बोर के चारों ओर पहले तिरपाल और बरसाती डालकर और बाद में झोपड़ी बनाकर उसे सुखाए रखा। जिससे बोरवेल में पानी नहीं गया। 

6 माह पहले कराया था बोर,100 फीट के आसपास गहराई-

उधर दीपेंद्र की मां रश्मि यादव ने बताया कि बोरिंग लगभग 6 माह पहले सर्दियों में हुई थी। बोर लगभग 100 फीट गहरा है। इसमे पानी नहीं निकला था। इसलिए इस पर पत्थर रखकर झाड़ियों से कवर कर दिया था। लेकिन दो दिन पहले बारिश होने के बाद झाड़ियां हट गई थीं। संभवतया बच्चा खेलते हुए पत्थर पर बैठ गया, बारिश के कारण मिट्टी गीली थी। इसलिए बच्चा पत्थर सहित बोर में गिर गया। उन्हें इस तरह की घटना का अंदाजा नहीं था। कलेक्टर संदीप जीआर ने बताया कि बच्चे से लगातार बात-कर उसे नहीं घबराने के लिए प्रेरित किया। बच्चे ने बेहद साहस का परिचय दिया और हिम्मत नहीं खोई। उसे सुरक्षित निकालकर जिला अस्पताल में भर्ती कर दिया है। उसकी लगातार मानीटरिंग की जा रही है। 
 

Created On :   30 Jun 2022 3:29 PM IST

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