- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- अमरावती राजस्व विभाग में पांच...
अमरावती राजस्व विभाग में पांच प्रकार के कीटनाशकों पर पाबंदी - कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने अमरावती राजस्व विभाग में पांच प्रकार के कीटनाशकों के बेचने, वितरण और इस्तेमाल पर अगले दो महीने के लिए पाबंदी लगा दी है। यह पाबंदी अमरावती राजस्व विभाग के अकोला, अमरावती, बुलढाणा, वाशिम और यवतमाल जिले में लगाई गई है। प्रदेश के कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने यह जानकारी दी। सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी की है। बोंडे ने कहा कि अमरावती में कीटनाशक व उसके मिश्रण के इस्तेमाल से किसानों और खेतिहर मजदूरों को हुई विषबाधा की गंभीर घटना को देखते हुए यह फैसला किया गया है। सरकार ने कीटकनाशक प्रोफेनोफोस 40 प्रतिशत और सीपरमेथ्रीन 40 प्रतिशत ईसी, फिप्रोनील 40 प्रतिशत और इमीडैक्लोप्रिड 40 प्रतिशत डब्यूजी, ऐसिफेट 75 प्रतिशत एससी, डीफेन्थीरोन 50 प्रतिशत डब्लूपी और मोनोक्रोटोफॉस 36 प्रतिशत एसएल पर पाबंदी लगा दी है।
बोंडे ने कहा कि विषबाधा की घटना की केंद्र सरकार की ओर से जांच की जा रही है। इसलिए अधिसूचना जारी होने की तारीख 18 सितंबर से दो महीने तक यह रोक लगाई गई है। बोंडे ने कहा कि खतरनाक कीटकनाशकों के बेचने, वितरण और इस्तेमाल पर स्थायी रूप से पाबंदी लगाने के लिए फरीदाबाद स्थित केंद्रीय कीटकनाशक मंडल व पंजीयन समिति के पास प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने कहा कि यह कीटनाशक बहुत जहरीला होता है। इसका अनधिकृत रूप से मिश्रण के लिए इस्तेमाल करने पर उसका प्रभाव अधिक जहरीला हो जाता है। बोंडे ने बताया कि कीटनाशक के कारण विषबाधा से ग्रस्त किसानों व खेतिहर मजदूरों का इलाज शुरू है।
Created On :   19 Sept 2019 8:26 PM IST