सात दिन से सोनेवानी जंगल में धधक रही आग, वन्य जीव खतरे में, गामीणों में दहशत

Fire burning in Sonevani forest for seven days, wildlife endangered, panic among villagers
सात दिन से सोनेवानी जंगल में धधक रही आग, वन्य जीव खतरे में, गामीणों में दहशत
सात दिन से सोनेवानी जंगल में धधक रही आग, वन्य जीव खतरे में, गामीणों में दहशत



डिजिटल डेस्क बालाघाट। जंगलों में आगजनी की घटनाएं सामने आने के बाद भी विभाग की तरफ से आग पर काबू पाने के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे ही मामला लालबर्रा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सोनेवानी जंगल में देखने मिल रहा है। सोनेवानी जंगल में पिछले सात दिनों आग धधक रही है। सोनेवाने जंगल में आग पर काबू पाने के लिए विभागीय स्तर पर प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। क्षेत्रीय रहवासी इसमें विभाग की लापरवाही की बात कह रहे हैं। दूसरी तरफ, विभाग का कहना है कि जंगल के आसपास ग्राम नहीं होने से उन्हें आग पर काबू पाने में ज्यादा मुश्किलें हो रही हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि आग पर काबू पाने में विभाग गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
आग पर काबू पाने कर रहे प्रयास-
सोनेवानी जंगल में रविवार को भी बड़े हिस्से में आग पर काबू पाने मुख्य वन संरक्षक अधिकारी सहित विभाग का अमला मौजूद रहा। मुख्य वन संरक्षक अधिकारी श्री सनोडिया ने बताया कि आग पर जल्द काबू पा लिया जाएगा। वन संपदा और वन प्राणियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। आमतौर पर ऐसी घटनाओं में ग्रामीणों की मदद ली जाती है। लेकिन आसपास ज्यादा गांव नहीं हैं। मेन पावर की कमी से आग पर काबू पाने में मुश्किल आ रही है।
टूरिस्ट स्पॉट बनाने किए गए थे प्रयास-
लालबर्रा वन क्षेत्र का फेमस टेकड़ी, सोनेवानी, चिखलाबड्डी जंगल जो कान्हा नेशनल पार्क और पेंच के बीच का हिस्सा है। यहां शेर, तेंदुआ, बायसन, सांभर, चीतल, नील गाय, मोर, भालू सहित अन्य वन्यप्राणी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस जंगल को संवारने और टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करने में पूर्व रेंजर शर्मा, श्री जामोर, श्री शेन्डे व तत्कालीन स्टाफ का स्थानीय जनप्रतिनिधियों, वन्यजीव प्रेमियों व समाजसेवियों से आपसी सामंजस्य रहा है, लेकिन वर्तमान में विभाग के जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते न तो यहां टूरिस्ट स्पॉट को सुरक्षित के उपाय किए जा रहे हैं न ही जंगल की सुरक्षा के बंदोबस्त हो रहे हैं।
बदहाल हो गए चार हट, नहीं दे रहे ध्यान-
जानकारी के अनुसार, यहां पूर्व स्टॉफ और रेंजर के प्रयासों से इलाके को टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करने के लिए चार हट बनाए गए हैं, लेकिन वर्तमान में अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण ये बदहाली की कगार पर है। यहां पर्यटकों के ठहरने, भोजन की भी बेहतर व्यवस्था की गई थी, जो अनदेखी के चलते बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। यही वजह है कि लगातार जंगल में आगजनी और टूरिस्ट स्पॉट के प्रति जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण पर्यटकों की संख्या बेहद कम हो गई है। इसके अलावा जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण रात में शिकारियों को भी शिकार करने का मौका मिल रहा है।
सोनेवानी, बॉटनिकल गार्ड की करेंगे आउटसोर्सिंग-
मुख्य वन संरक्षक अधिकारी नरेंद्र कुमार सनोडिया ने बताया कि गांगुलपारा की तर्ज पर सोनेवाने जंगल में बने हट सहित अन्य टूरिस्ट स्पॉट के  लिए आउटसोर्सिंग करने की योजना है। ईको टूरिज्म डिपार्टमेंट की तरफ से ऑनलाइन ट्रेडिंग की जाएगी और उसके रखरखाव के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। जल्द ही वहां टूरिस्टों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

Created On :   4 April 2021 9:04 PM IST

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