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अंतत: महंगी पड़ी चित्रकूट के जंगल में जमीन की सौदेबाजी
डिजिटल डेस्क, सतना। धर्मनगरी चित्रकूट में वन भूमि की सौदाबाजी अंतत: महंगी पड़ गई। मामला संज्ञान में आने पर मझगवां के एसडीएम पीएस त्रिपाठी ने पटवारी हल्का कामता के मौजा रजौला की वन भूमि दर्ज आराजी नंबर ३०८ के अंशभाग की ५.६२४ हेक्टेयर और आराजी नंबर ३०९ के अंश भाग की ३.७२८ हेक्टेयर भूमि अहस्तांरणीय घोषित कर दी है। असल में शहर के वार्ड नंबर १२ में स्थित इन शासकीय भूमियों की बिक्री और खरीदी से पहले कलेक्टर से अनुमति नहीं ली गई थी। जानकारों ने बताया कि कलेक्टर गाइड लाइन के मान से अहस्तांतरणीय की गई भूमियों का शासकीय मूल्य लगभग ५ करोड़ ५९ लाख ५० हजार रुपए है।
आटोमोबाइल कारोबारी समेत ३४ खरीददारों को लगा झटका :----
नियमों के खिलाफ वन भूमि दर्ज शासकीय भूमियों का मालिकाना हक हथियाने की कोशिश में जिन्हें अहस्तांरणीय का झटका लगा है, उनमें सतना के आटोमोबाइल कारोबारी देवव्रत सिंह मुन्ना , उनकी पत्नी विनीता सिंह , बेटी क्षिप्रा सिंह और बेटा शुभम ङ्क्षसह समेत ३४ खरीददार शामिल हैं।
केस: १ : आराजी नंबर ३०८ :--------
वन भूमि दर्ज आराजी नंबर ३०८ के ५.६२४हेक्टेयर अंशभाग में आटोमोबाइल व्यवसायी और उनके परिवार के अलावा नेहा सिंह, शिवेन्द्र प्रताप सिंह, कमला उर्फ आशा सिंह, कृणेन्द्र प्रताप सिंह, अरतांजनी पांडेय, शुभेन्द्र पांडेय, संदीप गौतम, वीरेन्द्र सिंह पटेल, अभिषेक द्विवेदी, राजेन्द्र तिवारी, पुष्पराज सिंह,प्रीतेश सिंह, अशोक पटेल, सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट, आयुष अग्रवाल, अरुण कुमार अग्रवाल, विकास सिंह सचान, घनश्याम पटेल, श्याम किशोर पटेल, राममिलन पटेल, दिलीप सिंह, रामेश्वर प्रसाद पटेल,विपिन सिंह चौहान और सुमन कुमार पटेल शामिल हैं।
केस: २ : आराजी नंबर ३०९ :----
इसी प्रकार वन भूमि दर्ज आराजी नंबर ३०९ के १०.५०६ हेक्टेयर अंशभाग में आटोमोबाइल कारोबारी और उनके परिवार के अलावा अखिलेश सिंह, कमला प्रसाद सिंह, अरुण ङ्क्षसह, विष्णुकांत श्रीवास्तव और संतोष देवी श्रीवास्तव के निजी स्वत्व दर्ज भूमियां शामिल हैं। वन भूमि की आराजियों को कलेक्टर की अनुमति के बिना क्रय किए जाने के कारण मझगवां के एसडीएम ने प्रकरण नंबर ७१अ ७४/ २०२१-२२ के तहत आराजी नंबर ३०८ के अंशभाग और प्रकरण नंबर ६९ अ ७४/ २०२१-२२ के तहत आराजी नंबर ३०९ के अंशभाग को अहस्तांतरणीय कर दिया है।
खरीदी-बिक्री पर प्रतिबंध----
जानकारों ने बताया कि कलेक्टर की अनुमति के बिना वनभूमि दर्ज भूमियों को खरीदी-बिक्री को एसडीएम के आदेश से अहस्तांरणीय कर देने के बाद अब इन संबंधित आराजियों को गहन, दान, वसीयत,जमानत और खरीदी -बिक्री और किसी भी प्रकार का स्वरुप परिवर्तन नहीं किय जा सकेगा। अगर कोई कूट रचना के आधार पर ऐसा करता है तो यह कृत्य दंडनीय अपराध होगा।
Created On :   5 March 2022 4:52 PM IST