पाकिस्तान में रह रहे बच्चों की सुरक्षित वापसी के लिए फिल्म निर्माता ने अदालत से लगाई गुहार

Film producer appeals to court for safe return of children living in Pakistan
पाकिस्तान में रह रहे बच्चों की सुरक्षित वापसी के लिए फिल्म निर्माता ने अदालत से लगाई गुहार
हाईकोर्ट पाकिस्तान में रह रहे बच्चों की सुरक्षित वापसी के लिए फिल्म निर्माता ने अदालत से लगाई गुहार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फिल्म निर्माता मुश्ताक नाडियाडवाला ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग कि है कि पाकिस्तान में रह रहे उसके दो बच्चों की सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित की जाए। याचिका में फिल्म निर्माता ने दावा किया है कि उसकी पत्नी ने उसके नौ साल के बेटे व 6 साल की बेटी को अवैध रुप से अपनी हिरासत में रखा है। याचिका के मुताबिक फिल्म निर्माता की पत्नी पाकिस्तानी नागरिक है और लाहौर में रहती है। इसलिए फिल्म निर्माता ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यीक्षकरण याचिका दायर कर बच्चों को स्वदेश लाने का निर्देश देने की मांग की है। 

गुरुवार को न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी किया और याचिका पर सुनवाई 29 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। 

याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता की पत्नी 26 नवंबर 2020 को आगंतुक वीजा पर बच्चों के साथ पाकिस्तान गई थी। जिसकी वैधता 13 अक्टूबर 2021 तक थी। किंतु पत्नी अपने पिता की सेहत ठीक न होने का हवाला देकर वह पाकिस्तान में रह रही है। इस बीच पत्नी ने लाहौर कोर्ट में बच्चों की कस्टडी को लेकर आवेदन दायर किया था। लाहौर की कोर्ट ने पत्नी को बच्चों की कस्टडी भी सौप दी है और पत्नी को बच्चों का संरक्षक घोषित कर दिया है। अब ससुरालवालों के प्रभाव के चलते पत्नी व बच्चे पाकिस्तान में रह रहे हैं। याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता के एक बच्चे का पासपोर्ट की अवधि खत्म हो गई है। जबकि दूसरे बच्चे के भारतीय पासपोर्ट की अवधि इस साल अक्टूबर में खत्म हो जाएगी। 

याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता बीएम चटर्जी ने कहा कि उनके मुवक्किल ने अपने बच्चों व पत्नी की जानकारी के लिए विदेश मंत्रालय को कई पत्र लिखे हैं लेकिन जब लंबे इंतजार के बाद कोई जवाब नहीं मिला तो याचिकाकर्ता को मजबूरन कोर्ट में आना पड़ा है। क्योंकि विदेश मंत्रालय याचिकाकर्ता के बच्चों को वापस लाने में विफल रहा है। याचिका में मांग की गई है कि विदेश मंत्रालय व भारत स्थित पाकिस्तानी उच्चायुक्त को याचिकाकर्ता के बच्चों की सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए कहा जाए और बच्चों को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया जाए। क्योंकि इस तरह से पत्नी का बच्चों को अपनी हिरासत में रखना उचित नहीं है। क्योंकि पत्नी ने यहां आने से मना कर दिया है। इसके अलावा पत्नी ने जानबूझकर अपने रहने का पता भी बदल लिया है। 

 

Created On :   18 Aug 2022 9:05 PM IST

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