शिंदे गुट ठाकरे गुट की याचिकाओं पर एक साझा जवाबी हलफनामा दायर, 3 अगस्त को सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना में विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे खेमे के बीच कानूनी लड़ाई का दौर चल रहा है। पार्टी के भीतर दरार से उत्पन्न मुद्दों के संबंध में उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर याचिकाओं के जवाब में रविवार को शिंदे गुट की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया। इसमें शिंदे गुट ने ठाकरे गुट की याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा है कि राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा की गई कार्रवाई न्यायिक समीक्षा के लिए उत्तरदायी नहीं है।
दरअसल उद्धव गुट ने अपनी याचिकाओं में सुपीम कोट से 27 जून 2022 की स्थिति बहाल करने का आग्रह किया है। इस पर शिंदे ने उद्धव ठाकरे गुट के सुभाष देसाई और सुनील प्रभु द्वारा दायर याचिकाओं पर आज एक साझा जवाबी हलफनामा दायर किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि उद्धव खेमे को ये राहत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि वो पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। यानी ये याचिका एक ऐसे मुख्यमंत्री के समर्थकों की ओर से डाली गई है, जिसने सदन और पार्टी में ही विश्वास खो दिया है।
शिंदे गुट ने शिवसेना के विभाजन को लोकतांत्रिक करार दिया है। कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से हुए पार्टी विभाजन के मुद्दे पर कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। विभाजन को लेकर निर्वाचन आयोग भी कार्रवाई कर रहा है। संसदीय लोकतंत्र किसी भी कार्रवाई की वैधता-अवैधता का परीक्षण करने के लिए पार्टी का वो गुट कोर्ट पर दबाव नहीं बना सकता है जिसने खुद सदन और पार्टी में बहुमत खो दिया हो।
अब 3 अगस्त को सुनवाई
महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस की सरकार की तकदीर पर आने वाला फैसला एक-एक आगे बढता जा रहा है। पहले 1 अगस्त को सुनवाई होने वाली थी, लेकिन शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसे 2 अगस्त को सूचीबद्ध किया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे बुधवार को यानी 3 अगस्त को सूचीबद्ध किया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सुनवाई के लिए लिस्ट किए गए मामलों की सूची में देखा जा सकता है।
Created On :   31 July 2022 10:00 PM IST