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पिता-पुत्र की हत्या करने वाले आरोपी गिरफ्तार, खेत में मारी थी गोली
डिजिटल डेस्क,नागपुर। खेती के विवाद को लेकर पिता-पुत्र की गोली दागकर हत्या किए जाने के मामले में पारसिवनी पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम अविनाश मोतीलाल सांगोले और अनिल शंकर सांगोले है। आरोपियों को रामटेक परिसर से पुलिस ने धर-दबोचा। पुलिस फरार एक अन्य आरोपी की तलाश कर रही है।
यह है मामला
पारसिवनी में रविवार को बंडू मेश्राम और उसके बेटे सूरज मेश्राम की आरोपी अविनाश सांगोले ने अपने मित्र अनिल सांगोले के साथ मिलकर हत्या कर दी। आरोपियों ने बंडू और सूरज के सिर में गोलियां दागी थी, जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी अविनाश और उसके मित्र अनिल को पुलिस ने वारदात के 6 घंटे बाद ही धर-दबोचा। दोनों को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने दोनों आरोपियों को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। फरार आरोपी ने ही अविनाश सांगोले को बंदूक खरीदने में मदद की थी।
तीन दस्ते बनाए गए थे
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुलिस अधीक्षक राकेश ओला के आदेश पर आरोपियों की खोजबीन के लिए तीन दस्ते बनाए गए थे। पुलिस दस्ते ने आरोपी अविनाश सांगोले और अनिल सांगोले को गिरफ्तार किया है।
करते थे खेती का काम
सूत्रों ने बताया कि बंडू और उसका बेटा सूरज खेती का काम करते थे। उन्होंने मोतीलाल सांगोले से कुछ वर्ष पहले डेढ़ एकड़ खेती खरीदी थी। इस खेती के बिकने के बाद से अविनाश सांगोले, मेश्राम परिवार से बेहद नफरत करने लगा था।
अंदर की बात
पता चला है कि मेश्राम परिवार से सांगोले परिवार के मुखिया मोतीलाल सांगोले ने कुछ पैसे लिए थे, पर वापस नहीं कर पाए। इस कारण मेश्राम परिवार ने उनकी डेढ़ एकड़ खेती की रजिस्ट्री करवा ली।
इस बात को लेकर अविनाश के मन में क्रोधाग्नि जल रही थी। वह खेती की रजिस्ट्री मेश्राम परिवार को नहीं करना चाहता था, लेकिन पिता द्वारा लिया गया पैसा समय पर नहीं लौटा पाने के कारण मन मारकर रजिस्ट्री करनी पड़ी थी। यह बात अविनाश को कचोटते रहती थी।
कार्रवाई में इन्होंने लिया भाग
ग्रामीण पुलिस अधीक्षक राकेश ओला, उपअधीक्षक मोनिका राऊत के मार्गदर्शन में कार्रवाई की गई। ग्रामीण अपराध शाखा पुलिस विभाग के पुलिस निरीक्षक अनिल जिट्टावार, सहायक पुलिस निरीक्षक विवेक सोनवने, सहायक पुलिस निरीक्षक बोरकुटे, उपनिरीक्षक सचिन मत्ते, एएसआई लक्ष्मीप्रसाद दुबे, हवलदार राजेंद्र सनोडीया, सूरज परमार, निलेश बर्वे, नायब पुलिस सिपाही शैलेष यादव, वीरेंद्र नरड, सिपाही अमोल वाघ, प्रणय बनाफर, साहेबराव बहाले व अन्य ने कार्रवाई में सहयोग किया।
और फिर बंदूक खरीदी, मौका मिलते ही उतारा मौत के घाट
मेश्राम और सांगोले परिवार के खेत के पास सरकारी जमीन है। इस जमीन पर मेश्राम परिवार कब्जा न कर ले, यह बात भी उसे सताने लगी थी। चर्चा है कि मेश्राम परिवार के बंडू और सूरज इस सरकारी जमीन के मामले में कुछ दिन पहले अविनाश के घर पर गए थे। उस समय दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ था। तब से अविनाश को डर सताने लगा था कि कहीं किसी दिन मेश्राम परिवार उनका खात्मा न कर दे। इस डर से उसने दोस्त की मदद से बंदूक खरीदी। उसके बाद मित्र अनिल की मदद से रविवार को मौका मिलते ही बंडू और सूरज को उनके ही खेत पर बंदूक से गोली दागकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। चर्चा है िक कुछ समय से मेश्राम और सांगोले परिवार के बीच उनके खेत के पास स्थित सरकारी जमीन को लेकर भी विवाद शुरू हो गया था।
Created On :   3 Sept 2019 11:56 AM IST