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किसानों को नहीं मिल रहा गुड़ का सही दाम, कहीं बिना कारण बताए धान रिजेक्ट
डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर/करेली । किसानों की मुश्किलें थमती नजर नहीं आ रही है जहां पहले से ही किसान प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा था और तत्कालीन समय में गन्ना का कम दाम, भावांतर के भंवर और फसल का उचित मूल्य न मिलने से पहले ही किसान पीडि़त एवं आक्रोशित है। बुधवार को जहां एक ओर आमगांव गुड़ मंडी में दाम कम बोले जाने पर विरोध जताते हुए किसानों ने गुड़ नहीं बेचा। वहीं करेली कृषि उपज मंडी में बने धान खरीदी केद्र में नागरिक आपूर्ति निगम के जबलपुर से आये गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारियों ने किसानों के माल को नॉन एफएक्यू बताकर लेने से इंकार कर दिया।
आमगांव मंडी में नहीं बिका गुड़
उल्लेखनीय है कि किसानों की समस्या दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही है आमगांव गुड मंडी में दिन बुधवार को लगभग 10 ट्राली गुड विक्रय हेतु आया था लेकिन कम बोली के कारण किसानो ने अपना माल नही बेंचा किसानों ने आरोप लगाते हुए बताया कि स्थानीय गुड दलालों और व्यापारियों ने सहमति से 23-24 सौ रुपये प्रतिक्विंटल की दर से गुड़ की बोली लगाई थी। जिस पर किसानों ने असंतोष जताते हुए माल का विक्रय नही किया और घर वापिस लौट आये जिसके कारण गुड मंडी में गुड विक्रय हुआ ही नहीं।
नहीं हो सकी दिन भर धान खरीदी
अचानक खरीदी केद्र पर आये अधिकारियों ने किसानों के माल को रिजेक्ट कर लेने से मना कर दिया जिसके बाद किसानों ने मंडी प्रशासन और तहसीलदार को शिकायत की जिसके बाद मंडी सचिव और तहसीलदार ने जिला अधिकारी सहित संबंधित विभाग को इसकी जानकारी दी और खरीदी केद्र पर नॉन के अधिकारियों की लगातार नियुक्ति और मानक स्तर की जानकारी किसानों को दिए जाने को कहा। हालंाकि निरीक्षण के बाद दिनभर धान खरीदी केद्र पर माल की खरीदी नहीं हो सकी जिससे किसान काफी चिंतित नजर आये।
बेवजह किया रिजेक्ट
मंडी में मौजूूद इमलिया के किसान कालूराम, विजय पटैल, करपगांव के अखिलेश शर्मा, निकेश शर्मा और करेली बस्ती के किसान प्रदीप बडकुर की धान को अधिकारियों ने लेने से इंकार कर दिया। वहीं खंचारी के किसान संतोष कौरव के माल को नमीयुक्त बताया परन्तु जब किसान के माल को मशीन द्वारा चैक किया गया तो वह मानक स्तर पर सूखी निकली। इसी तरह इमलिया कल्याणपुर के किसान रामसहाय पटैल के माल को छनाने और ग्रेडिंग के लिए कहा गया। इसके बावजूद भी किसान का माल नहीं लिया गया। जिस पर किसानो ने अधिकारियों पर ही सही जानकारी अभाव और मनमानी के आरोप लगाते हुए विरोध किया।
बिना मिले चले गये निरीक्षण अधिकारी
वहीं मंडी प्रबंधन और मौके पर मौजूद करेली तहसीलदार ने बताया कि संबंधित विभाग के आये अधिकारी बिना मिले ही चले गए। उन्होने किस मानक स्तर से किसान की धान को नॉन एफएक्यू बताया है यह नहीं कहा जा सकता है। इसके लिए संबंधित कार्यालय और कलेक्टर को भी सूचना दी गई है। किसानों के माल में यदि कोई समस्या है तो इसकी स्पष्ट जानकारी किसानों को देना चाहिए थी। उनके निरीक्षण के समय जिला प्रशासन के वरिष्ट अधिकारी भी उस समय मौजूद थे लेकिन वह बिना मिले ही चले गये।
Created On :   23 Nov 2017 9:00 AM IST