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किसानों का आंदोलन खत्म... अब जल्द शुरू होगा मोहगांव जलाशय में नाला क्लोजर कार्य
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा मोहगांव जलाशय से पानी मिलने की उम्मीदें बांधकर बैठे १० गांवों के किसानों, पांढुर्ना नगरपालिका और मोहगांव नगर परिषद के लिए यह अच्छी खबर है कि नाला क्लोजर का रास्ता अब साफ हो गया है। दरअसल प्रभावित किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलनरत थे। पिछले ६३ दिन से वे धरना आंदोलन कर रहे थे। शुक्रवार को मौके पर पहुंचे कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन, पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल और एसडीएम श्रेयांस कुमट और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने किसानों से दो घंटा चर्चा कर गतिरोध खत्म कराया। किसानों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए उन्हें लाभ दिलाने का आश्वासन दिया है। कलेक्टर ने सात दिनों में किसानों की मांगों के अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। तब जाकर किसान माने और आंदोलन समाप्त किया।
मुआवजा व अन्य ११ सूत्रीय मांगों पर किसानों से चर्चा करते हुए अधिकारियों की और से आश्वस्त किया कि उनकी मांगों के संबंध में प्रशासनिक स्तर पर अवार्ड की प्रक्रिया पूर्ण कर उसे शासन स्तर पर पहुंचाया जा रहा है। शासन स्तर पर होने वाली कार्रवाई तक जलाशय का निर्माण नहीं रोका जाए। इस पर आंदोलनकारी किसान सहमत हुए लेकिन उन्होंने अपनी ओर से मांग रखी कि शासन स्तर पर की जाने वाली कार्रवाई की एक प्रति उन्हें उपलब्ध कराई जाए। इस पर अधिकारी सहमत हुए और सात दिन का समय मांगा। इस अवसर पर उपस्थिति विधायक विजय चौरे, जिला कांग्रेस महामंत्री अनिल ठाकरे ने अधिकारियों से कहा कि किसानों को दिया जा रहा आश्वासन शीघ्र पूरा किया जाए। ऐसा नहीं होने पर वे किसानों का साथ देंगे।
जलाशय का सिर्फ १५ फीसदी काम शेष
मोहगांव जलाशय का निर्माण कार्य करीब ८५ फीसदी तक हो चुका है। १० गांवों के तीन हजार हेक्टेयर में सिंचाई के लिए नहरें भी बन चुकी हैं। सिर्फ १५ फीसदी काम शेष रह गया है। जिसमें नाला क्लोजर यानी नदी को बांधने का काम होना है। इसके लिए विभाग के पास बारिश के पहले तक का समय है।
न्याय नहीं मिला तो फिर आंदोलन
किसानों का नेतृत्व कर रहे सुदामा मानमोडे ने बताया किया आंदोलनरत किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन पर भरोसा जाताया है। सात दिन में अवार्ड की प्रति प्राप्त नहीं हुई तो वे अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने स्वतंत्र होंगे। किसानों ने कहा कि वे अपनी मांग पूर्ण होने तक आंदोलन कर सकते है।
इनका कहना है
॥आंदोलनकारी किसानों की बांते सुनी गई। उनको न्याय दिलाने के लिए प्रशासन की और से जारी प्रक्रियां की जानकारी देने पर किसान सहमत होकर आंदोलन खत्म करने राजी हुए। किसानों के साथ न्याय होगा।
Created On :   29 Jan 2022 3:56 PM IST