जादू-टोना के शक में आदिवासी परिवार को गांव से निकाला

जादू-टोना के शक में आदिवासी परिवार को गांव से निकाला
प्रशासन को दूसरे दिन तक खबर नहीं जादू-टोना के शक में आदिवासी परिवार को गांव से निकाला

डिजिटल डेस्क, कटनी। हाईटेक युग में भी अंध विश्वास लोगों का पीछा नहीं छोड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में झाड़-फूंक और जादू टोना के किस्से आए दिन सुनाई देते हैं। ग्रामीणों के शक के चलते जिले की ढीमरखेड़ा तहसील की ग्राम पंचायत कचनारी के पोषक ग्राम चीतापाल के एक परिवार के छह सदस्यों को गांव से बाहर कर दिया। यह घटना मंगलवार की बताई जा रही है लेकिन बुधवार को सामने आने के बाद प्रशासन में हडक़म्प मच गया। अब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी उस परिवार को खोजने में जुट गए हैं। पीडि़त परिवार में सुमित सिंह, उसकी पत्नी उषा बाई,पिता श्याम सिंह,मां झम्मी बाई  और दो छोटे-छोटे बच्चे शामिल हैं। युवक सुमित ने  पत्नी बच्चों के साथ ससुराल झूंझ और पिता श्यामसिंह, मां झम्मी बाई ने पत्नी मुकास में बिटिया के यहां शरण ली। ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक मुकेश सिंह बरकड़े ने उक्त परिवार को गांव से निकाले जाने की पुष्टि की है।

पहले चौकी से लौटाया, अब खोजबीन

बताया गया है कि सुमित सिंह सबसे पहले परिवार सहित पुलिस चौकी सिलौंड़ी पहुंचा और पूरी कहानी बताई। पुलिस ने उसे यह कहकर वापस लौटा दिया कि वह गांव में जाकर पहले की तरह रहे, कोई कुछ नहीं कहेगा। डर के कारण चीतापाल लौटने के बजाय वह ससुराल चला गया और पिता को बहन के घर भेज दिया। इस संबंध में चौकी प्रभारी हरबचन सिंह का कहना था कि जिस समय सुमित सिंह चौकी पहुंचा था, तब वह चौकी में नहीं थे। सुमित के परिवार को वापस चीतापाल पहुंचाया जाएगा।

बीमार पडऩे पर झाड़-फूंक का सहारा

गांव में जब भी कोई बीमार पड़ता है, डॉक्टर से इलाज कराने के बजाय जादू टोना का संदेह जताकर सबसे पहले झाड़-फूंक कराते हैं। झाड़-फूंक के चक्कर लोग काल के गाल में भी चले जाते हैं, तब गांव के ही किसी व्यक्ति पर ठीकरा फोड़ दिया जाता है। बताया जाता है कि चीतापाल में एक सप्ताह के भीतर महिला एवं नाबालिग लडक़ी की मौत हो गई। जिस पर गांव के लोगों ने सुमित सिंह और उसके परिवार पर जादू टोना करने का संदेह जताया। ग्रामीणों के दबाव में सुमित सिंह को बूढ़े-माता पिता, दो छोटे बच्चों, पत्नी के साथ गांव छोडऩा पड़ा। पीडि़त सुमित सिंह के अनुसार कुछ समय पहले महेन्द्र की पत्नी का निधन हुआ था। फिर एक अन्य परिवार की3-4 साल की बच्ची की उल्टी-दस्त से मौत हो गई। जिसे लोगों ने जादू टोना मान लिया। गांव के लोगों ने उसके पिता को बुलाकर गांव छोडऩे का फरमान सुना दिया।

प्रशासन को नहीं लगी भनक

ढीमरखेड़ा एसडीएम नदीमा सीरी से ऐसी किसी घटना से अनभिज्ञता जाहिर की। एसडीएम ने कहा कि आपके ही माध्यम से जानकारी मिल रही है, तत्काल तहसीलदार एवं जनपद पंचायत सीईओ को चीतापाल भेजकर जानकारी ली जाएगी।
 

Created On :   18 Aug 2022 2:40 PM IST

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