नहीं मिला वाहन, स्ट्रेचर में शव ले गए परिजन

family did not get the vehicle, the bodies taken by the stretcher
नहीं मिला वाहन, स्ट्रेचर में शव ले गए परिजन
नहीं मिला वाहन, स्ट्रेचर में शव ले गए परिजन

डिजिटल डेस्क शहडोल। उमरिया ।जिला अस्पताल में शव परिवहन को लेकर वाहन की कमी तथा बार्ड वॉय की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। एक माह तक आगजनी में झुलसे युवक ने सोमवार को अस्पताल में दमतोड़ दिया था। गरीब परिजन परिजन निजी वाहन करने में अक्षम थे। मजबूरी में शव वाहन न मिलने पर शव को स्ट्रेचर में पोस्टमार्टम गृह ले जाना पड़ा। हद तो तब हो गई जब वह स्टे्रचर भी पकडऩे के लिए बार्डवाय नहीं बल्कि खुद परिजन ढकेलते ले गये।
पुलिस अनुसार मो. यूसफ पिता लाल मोहम्मद (26) निवासी बल्हौड़ 12 नवंबर को रात में सोते समय आग बिस्तर के नीचे रखे कैरोसीन में चिमनी से आग भड़क उड़ी। जब तक यूसुफ साथ में सो रही दुधमुंही को आग से अगल कर पाता, घटना में उसका कमर से नीचे का भाग बुरी तरह झुलस गया। महीनेभर से अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन अत्यंत गंभीर हालत होने के चलते उसे नहीं बचाया जा सका। सोमवार सुबह डॉक्टर प्रमोद गुप्ता ने जांच कर उसे मृत घोषित किया। सुबह से 12 बजे तक शव वाहन के इंतजार में परिजन अस्पताल में खड़े रहे। जब वाहन नहीं मिला तो स्ट्रेचर में रखकर पोस्टमार्टम घर शव ले जाया गया।
नहीं मिले वार्डबाय, वाहन की दिक्कत
मृतक की बहन ने बताया उमरिया से तकरीबन 60 किमी. दूर बल्हौड़ ले जाने के लिए वाहन की आवश्यकता था। अस्पताल प्रबंधन द्वारा वाहन कल से किसी अन्य जिले में भेजने की बात कह हाथ खड़े कर दिये गये। मृतक के परिवार में दुधमुंही बच्ची के साथ पत्नी मदद के लिए भटकती रही। थकहार कर पीएम में देरी होते देख स्ट्रेटचर से तकरीबन दो सौ मीटर दूर पोस्टमार्टम गृह तक शव ले जाया गया। यही नहीं तकरीबन 40 से अधिक वार्डबाय में डियूटी के दौरान एक भी कर्मचारी स्ट्रेचर ले जाने में अस्मर्थ रहे।
इनका कहना है
हमारे पास एक ही शव वाहन है। उसे कल पुलिस लेकर गई हुई है। चौबीस घण्टे बाद भी वाहन नहीं लौटा, इसलिए उन्हें नहीं मिल पाया। डियूटी में रहने वाले वार्डवाय को स्टे्रचर ले जाना चाहिए थे। मैं इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करूंगा।
डॉ. उमेश नामदेव, सीएमएचओ उमरिया।

 

Created On :   26 Dec 2017 5:18 PM IST

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