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सिटी हॉस्पिटल में नरसिंहपुर के मरीजों को भी लगाये गये थे नकली इंजेक्शन - उपचार के दौरान हो गयी थी तीन लोगों की मौत
डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । सिटी हॉस्पिटल जबलपुर में इलाज कराने वाले नरसिंहपुर जिला मुख्यालय व गाडरवारा तहसील के मरीज भी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का शिकार हुए। सिटी हॉस्पिटल की जांच का दायरा बढ़ाते हुए स्पेशल इंवेस्टिगेटिव टीम (एसआईटी) नरसिंहपुर के मरीजों के परिजनों तक पहुंच गई। दो दिन की जांच पूरी कर गुरुवार देर रात लौटे एसआईटी के 5 सदस्यीय दल ने जिला मुख्यालय व गाडरवारा में 12 उपयोग हुए इंजेक्शन की खाली शीशी व रैपर बरामद किए। एसआईटी ने सिटी हॉस्पिटल के रिकॉर्ड के आधार पर 20 अप्रैल से लेकर 1 मई तक की अवधि में यहां भर्ती मरीजों व परिजनों के बयान दर्ज किए। गौरतलब है, नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में सिटी अस्पताल संचालक सरबजीत मोखा समेत उनकी दवा दुकान का संचालक देवेश चौरसिया को रासुका व अन्य धाराओं के तहत जबलपुर में गिरफ्तार किया जा चुका है।
मृतकों के परिजनों के बयान दर्ज
एसआईटी में शामिल भेड़ाघाट थाना प्रभारी शफीक खान की अगुवाई में टीम ने गाडरवारा के घाटपिपरिया गांव निवासी नरवर सिंह की मृत्यु के संबंध में उनके पुत्र रंजीत, घाट बड़ोदिया गांव के मृतक महेश ममार के परिजनों तथा गाडरवारा की ही मृतक अभिलाषा ममार के संबंध में उनके पति के बयान दर्ज किए। उन्होंने रेमडेसिविर के अलावा अन्य महंगे इंजेक्शनों आदि की भी जानकारी ली। एसआईटी सदस्य शफीक खान ने कहा, नरसिंहपुर के मरीज सिटी हॉस्पिटल में भर्ती रहे। 12 मई से जानकारी के आधार पर जांच शुरू की गई। नकली रेमडेसिविर जिन्हें लगाए गए, उस संबंध में तीन मृतकों के परिजनों के बयान दर्ज किए गए।
बढ़ सकती है पीडि़तों की संख्या
सिटी हॉस्पिटल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मरीजों को लगाए जाने के मामले में मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। सर्वाधिक पीडि़त नरसिंहपुर जिले के हो सकते हैं। 20 अप्रैल से लेकर 1 मई तक जिले से बड़ी संख्या में मरीज निजी अस्पताल से रेफर कर जबलपुर के सिटी अस्पताल में भर्ती कराए गए थे।
Created On :   15 May 2021 2:16 PM IST