लोहे की गर्म सलाखों से दाग देते हैं मासूम बच्चों को -अंधविश्वास बन रहा  का दुश्मन

Faith or superstition children get rid of hot bars of iron
लोहे की गर्म सलाखों से दाग देते हैं मासूम बच्चों को -अंधविश्वास बन रहा  का दुश्मन
लोहे की गर्म सलाखों से दाग देते हैं मासूम बच्चों को -अंधविश्वास बन रहा  का दुश्मन

डिजिटल डेस्क, शहडोल। हाल ही में जिले के दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस ने कुपोषित बच्चों को गर्म लोहे से दागने के मामले में तीन लोगों पर मामला दर्ज किया है। यह पहली बार है जब दागने पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसका कारण लोगों में इस समाजिक बुराई के प्रति डर पैदा करना है।  दगना एक तरह की सामाजिक कुप्रथा है। जागरूकता और जानकारी के अभाव में ग्रामीण और आदिवासी बाहुल्य इलाकों में आज भी इसे इलाज के रूप में लिया जा रहा है। इस कुप्रथा का सबसे ज्यादा खामियाजा नवजात शिशुओं को भुगतना पड़ रहा है। कुछ जगह बच्चों को पैदा होते ही पेट में दाग (आंक) दिया जाता है। जिला चिकित्सालय में आए दिन इस तरह के मामले सामने आते हैं। पिछले दो माह में दागने से तीन बच्चों की मौत हो चुकी है। जिला प्रशासन ने अब तक जिले में नए-पुराने 1000 से अधिक लोगों को चिन्हित किया हैं, जो दगने का शिकार हो चुके हैं। इन परिवारों और गांवों में लोगों को समझाया जा रहा है कि दागना न सिर्फ एक कुप्रथा है बल्कि यह कानूनन जुर्म भी है। इससे किसी भी पीडि़त व्यक्ति को कोई लाभ नहीं मिलता है, बल्कि कई बार जान का भी खतरा पैदा हो जाता है। 

गांवों में दिखाई जाएगी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 
सीएमएचओ ने बताया कि दगना के खिलाफ 20 मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है। इसका प्रदर्शन दस्तक अभियान के तहत प्रत्येक गांव में ग्राम स्वास्थ्य सभा के दौरान किया जाएगा। ग्राम स्वास्थ्य सभा में इस तरह की तमाम कुरुतियों के बारे में चर्चा की जाएगी। फिल्म में दिखाया गया है कि यह कितनी बड़ी सामाजिक बुराई है और इसे कैसे रोका जा सकता है।

मनोविज्ञान से जुड़ा है दगना
दगना पूर्णत: मनोविज्ञान से जुड़ा रहा है। लोगों को लगता है दगना से दर्द कम होता है, जबकि ऐसा नहीं है। जब दागा जाता है तो दागने का दर्द ज्यादा रहता है और पुराना दर्द कम महसूस होता है। यह मेंटल डायवर्सन है। किसी भी बीमारी के कारण का निवारण होना चाहिए। यह लोगों को बताना चाहिए। दागने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। जब तक कारण ठीक नहीं होगा, बीमारी ठीक नहीं होगी।

Created On :   3 Jun 2019 2:01 PM IST

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